एक कहावत कि "डायन भी सात घर छोड़ देती है" मगर जालंधर में एक वकील कपिल बतरा ने शर्म की सारी हद पार कर रखी है। जी हां, वही आरोपी वकील कपिल बतरा जिसकी चर्चा आम है कि इसने काफी लोगों के पैसे मार रखे हैं, अपने वकील भाई को भी नहीं बख्शा।
ताज़ा खबर है कि वकील अभिनव नंदा के पिता राजीव नंदा की शिकायत पर सिटी पुलिस ने वकील कपिल बतरा और उसके भाई राजन बतरा के खिलाफ IPC की धारा 406, 420, 120-बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उधर, केस दर्ज होने के बाद आरोपी कपिल बतरा ने खुद को पाक साफ होने का दावा किया है और केस को पुलिस का धक्का करार देते हुए गिरफ्तारी देने की बात कही है।
गैंगस्टर पंचम नूर की वकालत करने वाले इस वकील पर फ़िल्म प्रोडक्शन तथा निवेश की आड़ में ठगी के और भी कई मामले पहले प्रकाश में आ चुके है लेकिन शातिर वकील काफी मामलों में कानूनी रुख अपनाकर बचता चला आ रहा था लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि ठगी की एफआईआर दर्ज हुई है और वो भी साथी वकील के साथ ठगी करने पर। बहरहाल, थाना पुलिस अब आरोपियों की गिरफ्तारी करने जा रही है।
उच्च स्तरीय जांच के बाद थाना 2 में बीती रात दर्ज इस मामले में खास बात यह कि इसकी जांच में आरोपी पक्ष को सुनने के इलावा दो DCP स्तर के अधिकारियों की ओर से तथ्यों की विवेचना करने तथा एक वकील यानि DA लीगल की राय लेने के बाद FIR का आदेश जारी किया गया।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक शिकायत करने वाले पक्ष ने आरोपी पक्ष को करीब 8 लाख रुपये इन्वेस्टमेंट के लिए दिए थे। आरोपी पक्ष के कपिल बतरा और राजन बतरा जो वर्कशॉप चौक जालंधर के निकट bear bull कमोडिटी के नाम से शेयर टर्मिनल का संचालन करते थे, ने वायदे के मुताबिक राजीव नंदा के पैसे निवेश किए ही नहीं जिसका लाभ वकील अभिनव नंदा और उनकी घर वालों को दिलाने का तय हुआ था। कलई खुलने पर दोनों आरोपी भाईयों ने शिकायत करने वाले राजीव नंदा, उनके बेटे वकील अभिनव नंदा और पत्नी विनोद नंदा को कुछ चैक जारी किए, जो बाउंस हो जाने थे। इसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत कर दी।
वकील अभिनव नंदा ने बताया कि उनके ध्यान में आया कि आरोपी पक्ष ने ऐसा काफी लोगों के साथ किया है। हर पक्ष चेक के केस कोर्ट में लगा रहा था जिसमें इनको सजा हो चुकी है और भगोड़ा होने के बाद IPC की धारा 174-A के भी काफी केस दर्ज है लेकिन आरोपी खुद वकील होने के कारण कमज़ोर कानून वाले केसों का सामना कर रहा है जिससे उसके कान पर जूं तक नहीं रेंग रही थी।
अतः सभी मामलों को आधार बनाकर पुलिस कंप्लेंट की गई जिसपर अब पुलिस ने आरोपी पक्ष पर अपना शिकंजा कसा है। श्री नंदा ने बताया कि आरोपी कपिल बतरा के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा बार कौंसिल में भी शिकायत की गई है, जिसके चलते आरोपी कपिल बतरा से जबाव तलब किया गया है। उम्मीद है कि जल्दी इसका वकालत का लाइसेंस सरेंडर करवा लिया जाएगा या कैंसिल कर दिया जाएगा क्योंकि वकालत के लाइसेंस धारक वकील को कोई और काम करने का अधिकार नहीं है। याद करा दे कि बीते समय में आरोपी बतरा बंधु एक इन्वेस्टर के सुसाइड करने के मामले में भी काफी चर्चा में रहे हैं। दोनों को सुप्रीम कोर्ट तक से जमानत नहीं मिली थी।