जय हिन्द न्यूज़/जालंधर"
ऊंची दुकान-फीका पकवान" यह कहावत इन दिनों जालंधर के MBD मॉल पर सटीक बैठ रही है। पार्किंग सुविधा शुल्क से लेकर अंदर तमाम तरह की सुविधायों पर मोटा शुल्क बटोरने में लगा प्रबंधन ग्राहकों के सहूलत पर खर्च करने के वक़्त "हत्थ घुट" रहा है।
फिर क्या, वही हुआ जिसका डर था, आज उस समय ग्राहकों की जान पर बन आई जब लिफ्ट अटक गई और लिफ्ट में फंसे लोगों को अपने बचाव के लिए पुलिस तक को बुलाना पड़ा। पुलिस ने मश्क़त के बाद लिफ्ट में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकाला। गनीमत रहा कि किसी की safocation से हालत खराब नहीं हुई अन्यथा मामला बिगड़ सकता था।
दरअसल, हुआ यह कि आज ग्राहकों से सवार MBD मॉल की लिफ्ट अचानक रुक गई और प्रबंधन ने एमरजेंसी कॉल को हल्के में लिया। बताया गया कि लिफ्ट में फंसे एक शख्स अमनदीप सिंह ने पुलिस को कॉल की जिसके बाद हरकत में आए MBD मॉल प्रबंधन ने उनको बाहर निकाला।
"बकौल, अमनदीप वो भी इंदरजीत के साथ 3rd फ्लोर वाले सिनेमा में मूवी देखने आया था। ग्राउंड फ्लोर पर आने के लिए लिफ्ट पर सवार हुए लेकिन लिफ्ट अटक गई। ऐसे में इमरजेंसी का बटन दबाया तो कोई रेस्पांस नहीं आया। अतः पुलिस को कॉल की गई"
घटना के बाद अंडरकवर रिपोर्टर ने मॉल में जाकर फ़ॉलोअप किया तो पाया कि वहाँ न तो कोई लिफ्ट ऑपरेटर था जबकि पब्लिक प्लेस वाली लिफ्ट में नियम मुताबिक ऑपरेटर होना ज़रूरी है। लिफ्ट का इमरजेंसी बटन भी निष्क्रिय था।
इतना ही नहीं अंदर लगा फ़ोन काम नहीं कर रहा था और लिफ्ट की हालत और नॉइस से साफ लग रहा था कि उसकी मशीन खस्ता हो चुकी है जिससे सर्विस के बाद भी कोई खास उम्मीद नहीं रखी जा सकती। स्पष्ट लग रहा था कि मॉल प्रबंधन अब सिर्फ अपनी जेबें भरने में लगा है।
वहीं, मॉल में मैनेजर से बात करने की कोशिश की गई लेकिन वो बात करने से बचता फिर रहा था। काफी इंतज़ार के बाद भी जब मॉल मालिकों की ओर से कोई बयान नहीं आया तो इस समाचार को प्रकाशित किया जा रहा है। मॉल मालिक जब अपना लिखित पक्ष प्रस्तुत करेंगे, उसको भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।