पंजाब पुलिस की अंदर की खबर रखने वाले तथा आंतरिक मामलों की जांच के लिए अधिकृत Internal Vigilance Cell (IVC) की विस्तृत जांच रिपोर्ट में विवादित करार दिए जाने के बावजूद जालंधर की सिटी पुलिस में तैनात ASI परवीन कुमार इस बार के
"गणतंत्र दिवस"
समारोह पर राज्य के मंत्री से विशेष सम्मान प्राप्त करेगा।
बहरहाल, मामला डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा और सिटी के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर के ध्यानार्थ करके शिकायत CM पंजाब और राज्य के राज्यपाल को ट्वीट के माध्यम से भेजी गई है।डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने मामले का संज्ञान लिए जाने का आदेश दिए जाने का बयान भी दिया है।
अब मामला यह है कि जिला प्रशासन ने इस महान दिवस पर सम्मानित होने जा रहे 115 लोगों की सूची जारी की है जिसमें विवादित ASI Parveen kumar का नाम 96 नंबर पर है। डीसीपी के रीडर होने के नाते इसका नाम सिटी पुलिस ने संभवतः किसी डीसीपी की सिफारिश पर ही recommed किया होगा।
अब चूंकि ऐसी सूरत में विभागीय क्लीनचिट ली गई होगी, इंकार नहीं किया जा सकता। अब वो क्लीनचिट कैसे मिली यह जांच का विषय है। बहरहाल, यह साफ है कि नाम भेजने से पहले IVC की रिपोर्ट को दरकिनार या उसको दबाया गया है।
अब आपको बता भी दे कि विवादित ASI Parveen Kumar के खिलाफ जालंधर के मनीष मेहता ने दस्तावेजी सबूतों के साथ राज्य के DGP को शिकायत दी थी। जांच IVC ने की और ASI Parveen Kumar के दस्तावेजों में गड़बड़ पाई और उस आधार पर State Vigilence ब्यूरो को मामला रैफर किया है।
विवादित ASI के दस्तावेजों में पिता के 2 नाम, माता के 2 नाम, जन्म के 2 स्थान समेत निजी डिटेल में काफी अंतर है। कानूनविदों की मानें तो ऐसे रिकॉर्ड के साथ ASI का सरकारी नौकरी पाना गलत है। मेहता को अंदेशा है कि ASI ने सरकारी नौकरी पाने के लिए अपनी जन्म तिथि और शिक्षा स्तर से भी छेड़छाड़ की है।
उधर, विवादित ASI Parveen kumar को उनके मोबाइल नंबर्स पर संदेश भेजकर उनका पक्ष मांगा गया लेकिन उन्होंने अभी तक अपना लिखित पक्ष प्रस्तुत नहीं किया है। अगर इस समाचार के बाद उनको अपनी बात रखनी है तो वो दस्तावेजी सबूतों के साथ कभी भी संदेश भेज सकते है। उनका भी पक्ष आप तक पहुंचाया जाएगा।