जय हिंद ब्यूरो/जालंधर
"चोर चोरी से जाए मगर हेराफेरी से न जाये" यह कहावत लुधियाना की एक ट्रेवल एजेंसी पर फिट बैठी है। लाइसेंस लेकर भी राज्य के भोले-भाले लोगों को ठगने में लगी OECC का लाइसेंस (नंबर 245/ MA/ 08.05.2018) को कैंसिल कर दिया है।
लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल ने एक जांच में फर्म को पंजाब प्रोफेशनल ट्रेवल रेगुलेशन एक्ट 2013 की धारा 4 की उपधारा 4 के उलंघन का दोषी पाया है।इस आदेश के बाद फ़िरोज़ गांधी मार्किट के SCO No.5 में संचालित उक्त फर्म का आफिस (अगर चलेगा तो) अवैध करार हो गया है।
साथ ही इसका नाम लाल रंग से लिखते हुए राज्य के सभी डीसी'ज को जिलों की वेबसाइट पर इसका नाम लाल रंग से लिखने की सिफारिश की है। बताया गया है कि OECC के खिलाफ जिला मोगा के डिप्टी कमिश्नर ने भी गुरिंदर सिंह पुत्र सुरजीत सिंह निवासी जगराओं की शिकायत को सही पाए जाने की सूरत में इसका लाइसेंस कैंसिल करने की सिफारिश की थी।
एक जारी प्रेस नोट में विस्तार में बताया गया है कि इस फर्म के खिलाफ मोगा में IPC की धारा 420 के तहत मामला दर्ज हुआ था जिसके चलते वहाँ के एसएसपी ने भी इस फर्म के खिलाफ एक्शन के लिए सिफारिश की थी। हालांकि उसमें राजीनामा भी होने की बात कही गई मगर पीड़ित ने इसकी पुष्टि नहीं की।
इसी तरह , एक कारण बताओ नोटिस में फर्म की ओर से जालंधर में दर्ज मामले की सफाई पेश न करने की सूरत में डीसी लुधियाना ने फर्म के खिलाफ राज्य व्यापी प्रतिबंध की सिफारिश की है।