Latest News

अगर बैंक ने चेक खोया तो वो ग्राहक को देगा मुआवजा : NCDRC

By JNN/New Delhi

Published on 30 Jul, 2019 01:26 PM.

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज करते हुए बैंक को एक ग्राहक का चेक खोने का दोषी पाया और चेक के बराबर की राशि का भुगतान करने के लिए बैंक को उत्तरदायी ठहराया है। मामला यह था कि चितरोदिया (उत्तरदाता) द्वारा जमा किया गया चेक अस्वीकृत कर दिया गया था और रजिस्टर्ड डाक द्वारा चेक रिटर्न मेमो के साथ उनके पंजीकृत पते पर भेज दिया गया था। लेकिन बाद में इस चेक को बैंक को वापस लौटा दिया गया था। इस प्रकार उसे उत्तरदाता को नहीं सौंपा गया और बैंक की सेवाओं में कोई कमी नहीं थी। दूसरी ओर उत्तरदाता ने यह आरोप लगाया कि उसने लगातार अपने चेक को वापस करने के लिए बैंक से गुहार लगाई। यहां तक कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अपना चेक लेने के लिए बैंक का दौरा भी किया लेकिन सब व्यर्थ रहा। जिला आयोग ने अपने आदेश दिनांक 10.10.2013 को आंशिक रूप से इस शिकायत की अनुमति दी। राज्य आयोग ने 20.01.2016 के अपने आदेश में बैंक को प्रतिवादी को चेक की पूरी राशि अर्थात 3,60,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। वर्तमान संशोधन याचिका राज्य आयोग के आदेश के खिलाफ बैंक द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 21 (बी) के तहत दायर की गई थी। एनसीडीआरसी ने यह पाया कि जब बाउंस हुए चेक को प्रतिवादी के पंजीकृत पते से अयोग्य करार दिया गया था तो उसे बाद में किसी भी अवसर पर प्रतिवादी को वितरित नहीं किया गया था। बल्कि यह पाया गया कि बैंक ने चेक खो दिया था जिसके कारण प्रतिवादी ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत मामला दर्ज करने का अधिकार खो दिया था। चेक वापस करने में बैंक की विफलता और परिणामस्वरूप उत्तरदाता को हुई कानूनी चोट (legal injury) को ध्यान में रखते हुए एनसीडीआरसी ने गुजरात राज्य आयोग के आदेश के साथ हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

Reader Reviews

Please take a moment to review your experience with us. Your feedback not only help us, it helps other potential readers.


Before you post a review, please login first. Login
Related News
ताज़ा खबर
e-Paper

Readership: 295663