जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पंजाब के युवाओं को नशों से दूर करने की कसम खाने वाले राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नशा विरोधी मुहिम को यहां जालंधर में गहरा धक्का लगा है। यहां के ग्रीन माडल टाउन में अभी कल-परसों ही एक शराब का ठेका खोला है जो नामी स्कूल इंनोसेंट हार्ट्स के चंद कदमों की दूरी पर स्थापित किया गया है।
शर्मनाक बात यह कि यह ठेका सत्ताधारी विधायक परगट सिंह के हलके में क्षेत्रीय कांग्रेस के पार्षद रोहन सहगल के डैड हुए पैलेस की इमारत में खोला गया है। ठेके को लेकर विरोध इसलिए कि यह ठेका जहां खोला गया है, वहीं ठीक बाहर स्कूल आने वाले बच्चों का पिकअप एंड ड्राप प्वाइंट भी है।
सूत्रों का दावा है कि यह ठेका अलाटमैंट के तीन महीने बाद कहीं से शिफ्ट करके यहां लाया गया है जिसमें विधायक व पार्षद ने घाटा पड़ने के कारण अपनी पत्ती भी डाली है। मगर अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है। भले तीनों पक्ष कुछ भी सफाई दे लेकिन स्कूल के पास खुले इस शराब ठेके को लेकर विरोध स्वर मुखर हो रहे हैं।
राज्य के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए शर्मनाक यह भी मीडिया की ओर से मामला ध्यान में लाए जाने के बाद भी डीईटीसी जालंधर डिवीजन प्रभावशाली लोगों के खिलाफ शिकायत का इंतजार कर रहे हैं जबकि एक-दो दिन पहले एक्साइज एरिया के इंस्पैक्टर पद का चार्ज लेने वाले दीपक शर्मा ने मामला ध्यान में लाए जाने पर तत्काल फील्ड रिपोर्ट करने की बात कही है।
बहरहाल, अब रिपोर्ट, एक्शन कुछ भी हो लेकिन इस समय विधायक व पार्षद की छाप वाला यह शराब ठेका कांग्रेस पार्टी और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की साख को गहरा धक्का पहुंचा रहा है। अब विधायक भी कांग्रेसी तो पार्षद भी, दोनों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कृत्य से सीएम व पार्टी की साख को धक्का लग रहा है, इस पर राजनीतिज्ञों का मानना है कि विधायक परगट सिंह पावरलैस कांग्रेसी नेता एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्दू का चेला है तो रोहन सहगल आगे परगट सिंह का चेला है। और यह रिश्ते जगजाहिर भी है। यह भी किसी से छिपा नहीं है कि कैप्टन की इन दिनों सिद्धू के साथ खटकी पड़ी है।
ऐसे में कहा जा सकता है कि विधायक व पार्षद को न तो कांग्रेस पार्टी की छवि की चिंता होगा और न ही सीएम की छवि धूमिल होने की, लेकिन एक बात साफ दिख रही है कि इस चक्कर में अब डीईटीसी स्तर के अफसर की बलि ली जाने वाली है क्योंकि इस पूरे मामले में कहीं भी लापरवाही दिखी तो गाज इम्मीजेट बॉस पर गिरना तय है।
वहीं, आम जनता में भी इस शराब के ठेके को लेकर विधायक परगट सिंह व पार्षद रोहन सहगल के प्रति रोष पनपना शुरू हो गया है। आसपास के लोग बेशक शिकायत देने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि अगली बार वो इन दोनों नेताओं को किसी कीमत पर भी वोट नहीं देंगे। दबी जुबां व कैमरे से कन्नी काटते हुए इन लोगों ने कहा कि नेताओं को काम ऐसे काम होने से रोकना होता है लेकिन यह दोनों तो खुद ही आपत्तिजनक काम करने लग गए हैं। एक रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर ने कहा कि इनके लिए जनहित कुछ नहीं रहा, पैसा ही सबकुछ है इन लोगों के लिए। ऐसी सोच रखने वाले नेताओं को अगले चुनाव में धूल चटाई जाएगी।