Latest News

दीवाली की रात अकेली पड़ गई सुप्रीमकोर्ट, लोकतंत्र के बाकी तीनों स्तम्भों ने भी देर रात तक चलाए पटाखे

Published on 08 Nov, 2018 10:55 AM.

नई दिल्ली (जय हिन्द न्यूज): देश में दिवाली की रात सुप्रीमकोर्ट अकेली पड़ गई। कारण यह रहा कि लोकतंत्र के बाकी तीनों स्तंभों ने भी खुद देर रात तक पटाखे चलाये। सोशल मीडिया इसका साक्षात प्रमाण है। आम जनता भी नहीं डरी और भारी मात्रा में पटाखा चलने से हवा खतरनाक हो गई है औऱ हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ की श्रेणी की तरफ बढ़ गयी। राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाके में लोगों ने रात आठ से दस बजे के बीच पटाखा फोड़ने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा तय की गई समय-सीमा का उल्लंघन किया। दिल्ली में बुधवार रात दस बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 296 दर्ज किया गया। उत्तर भारत में भी देर रात तक पटाखों की गूंज सुनाई देती रही। राजनेता, पुलिस, अफसरशाही, पत्रकार खुद 10 बजे के बाद भी पटाखे चलाने में मशगूल दिखे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार शाम सात बजे एक्यूआई 281 था। रात आठ बजे यह बढ़कर 291 और रात नौ बजे यह 294 हो गया। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने समग्र एक्यूआई 319 दर्ज किया जो ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में आता है। न्यायालय ने दिवाली और अन्य त्योहारों के मौके पर रात आठ से 10 बजे के बीच ही फटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी। सिर्फ ‘हरित पटाखों’ के निर्माण और बिक्री की अनुमति दी थी जिस से कम प्रकाश और ध्वनि निकलती है और इसमें कम हानिकारक रसायन होते हैं। उच्चतम न्यायालय ने पुलिस से इस बात को सुनिश्चित करने को कहा था कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री नहीं हो और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित थाना के एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा और यह अदालत की अवमानना होगी। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद राष्ट्रीय देश के कई राज्यों से उल्लंघन किये जाने की खबरें मिली है जहाँ प्रदूषण का बेहद उच्च स्तर दर्ज किया गया। प्रदूषण निगरानी केंद्रों के ऑनलाइन संकेतकों ने ‘खराब’ और ‘बेहद खराब’ हवा की गुणवत्ता का संकेत दिया। रात आठ बजे के करीब पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में तेजी से वृद्धि हुई। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार पीएम 2.5 और पीएम 10 का 24 घंटे का औसत क्रमश: 164 और 294 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा।सफर ने गुरुवार को हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रहने का अनुमान जताया जबकि इस साल 2017 के मुकाबले कम हानिकारक पटाखे छोड़े गए। उसने यह भी कहा कि प्रदूषण का स्तर बुधवार और गुरुवार को सुबह 11 बजे और रात तीन बजे के बीच चरम पर रहेगा।
Reader Reviews

Please take a moment to review your experience with us. Your feedback not only help us, it helps other potential readers.


Before you post a review, please login first. Login
Related News
ताज़ा खबर
e-Paper

Readership: 295663