हिसार (JNN) : बरवाला के सतलोक आश्रम में साल 2014 में एक बच्चे और चार महिलाओं की मौत के मामले में स्वयंभू संत रामपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस सजा के तहत रामपाल जीवन के आखिरी सांस तक जेल में रहेंगे। कोर्ट के इस ताज़ा फैंसले के बाद जेल में पहुंचने वाले राम नाम के बाबाओं की संख्या 3 हो गई है। राम रहीम को अभी कुछ माह पूर्व दोषी ठहराते हुए जेल में डाला गया था, वहीं अंडर ट्रायल आसा राम को अभी तक जमानत नहीं मिली है।
बाबा रामपाल के साथ उनके बेटे विजेंद्र समेत 15 अन्य को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सजा के दौरान न्यायाधीश ने सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह सजा रामपाल को हत्या के दो मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद सुनाई है। बीते 11 अक्टूबर को ही उन्हें दोषी करार दिया गया था। हिसार की एक विशेष अदालत ने रामपाल समेत कुल उसके 26 अनुयायियों को दोषी करार दिया था। सजा के ऐलान को देखते हुए जेल के आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। जिन मामलों में रामपाल को सजा सुनाई गई है, उनमें पहला केस महिला भक्त की संदिग्ध मौत का है, जिसकी लाश उनके सतलोक आश्रम से 18 नवंबर 2014 को बरामद की गई थी। जबकि दूसरा मामला उस हिंसा से जुड़ा है जिसमें रामपाल के भक्त पुलिस के साथ भिड़ गये थे। इस दौरान करीब 10 दिन चली हिंसा में 4 महिलाएं और 1 बच्चे की मौत हो गई थी। 67 वर्षीय रामपाल और उसके अनुयायी नवम्बर, 2014 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद थे। रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ बरवाला पुलिस थाने में 19 नवम्बर, 2014 को दो मामले दर्ज किये गये थे। रामपाल को यह सजा केस नंबर 429 में सुनाई गई है। बरवाला के आश्रम में 16 नवंबर 2014 को हुई हिंसा में चार महिलाओं सहित डेढ़ साल की बच्चे की मौत हुई थी। मामले में रामपाल के खिलाफ कारज़्वाई करते हुए केस दजज़् किया गया और 11 अक्तूबर को बाबा को इस केस में आईपीसी की धारा 302, 343 व 120 बी के तहत दोषी करार दिया गया। आपको बता दें कि रामपाल को पहले ही दोषी ठहरा दिया गया था और तय हो गया था कि अब बाबा को सजा सुनाई जाएगी। हिंसा की आशंका को देखते हुए हरियाणा प्रशासन ने पुलिस को सजग कर दिया था। इसके तहत तीन सौ आरएफ के जवान को विधि व्यवस्था में लगाया गया था। फिलहाल जिले के सभी नाकों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। एक आईजी, एक डीआईजी, छह एसपी और दस डीएसपी को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। रामपाल की सजा को ऐलान को लेकर प्रशासन मुस्तैद है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात हैं। सुरक्षा के लिहाज से 30 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए थे।