जालंधर। यहां के सीटी ग्रुप शाहपुर कैंपस और सेंट सोल्जर इंस्टिट्यूट आतंकवाद के अड्डे बन चुके थे। दोनों के कमजोर सुरक्षा प्रबंधन के कारण ऐसा संभव हो रहा था। जालंधर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा है कि इन दोनों कैंपस की पुलिस जांच करेगी। भुल्लर के मुताबिक इन दोनों केंपस के हॉस्टल में आखिर कैसे आरडीएक्स और खतरनाक हथियार पहुंचा यह सबसे बड़ा सवाल है। यहां पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा है कि आतंकवादी जाकिर मूसा का चचेरा भाई और दो अन्य लड़कों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सीटी ग्रुप केे कैम्पस में एके 47 और आरडीएक्स लेकर कैसे पहुंचे, पुलिस इसकी जांच करेगी। भुल्लर ने बताया कि जालंधर में पिछले तीन साल से पढ़ाई कर रहा कुलवामा का यासिर रफ़ीक भट्ट कोई आम कश्मीरी छात्र नहीं था। रफ़ीक का चचेरा भाई ज़ाकिर मूसा कश्मीर का खतरनाक आतंकवादी है। अल कायदा से जुड़ा हुआ मूसा बुरहान वानी के कत्ल के बाद उसका उत्तराधिकारी बना था। अल कायदा द्वारा अंसर गजवात उल हिन्द का गठन कर मूसा को उसका चीफ बनाया गया था। ऑपरेशन अभी भी चल रहा है जिसको लेकर वह ज़्यादा बातों का खुलासा नहीं कर सकते। उन्होंने बताया की गिरफ़्तार आतंकियों में से दो छात्र सीटी इंस्टिट्यूट के तथा एक सेंट सोल्जर जालंधर का छात्र था। उधर बेशक, सी.टी प्रबंधन ने पुलिस को रेड में सहयोग करने की बात कही है लेकिन एक जारी प्रेस नोट में स्वीकार किया है कि वो किसी भी छात्र की सुरक्षा दृष्टि से जांच नहीं करते थे जोकि एक घोर लापरवाही है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रबंधन के इस गैर जिम्मेदाराना बयान का पुलिस प्रशासन भी कड़ा संज्ञान लेगा और केस में प्रबंधन को भी नामजद करेगा। वहीं, सेंट सोल्जर प्रबंधन अपनी कलई खुलने के बाद चुप्पी साधे बैठा है।