चंडीगढ़ : पंजाब मंत्रिमंडल ने राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द को बनाये रखने तथा बेअदबी जैसी बड़ी घटनाओं को रोकने के लिये अपराध प्रक्रिया संहिता तथा भारतीय दंड संहिता में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि धार्मिक पुस्तकों की बेअदबी करने वालों को उम्रकैद की सजा दिये जाने का मार्ग प्रशस्त हो सके। इस आशय का फैसला आज यहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई तथा उनकी याद में दो मिनट का मौन रखा गया। बैठक में सात बिलों को भी मंजूरी दी गई जिन्हें 24 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में रखा जायेगा। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बैठक में लिये गये फैसलों के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुये कहा कहा कि बेअदबी के मामलों को गंभीरता से लेते हुये मंत्रिमंडल ने आईपीसी की धारा में संशोधन करते हुये नयी धारा 295 ए-ए को मंजूरी दी जिसके तहत धार्मिक ग्रंथों को नुकसान पहुंचाने वालों को उम्रकैद की सजा का प्रावधान होगा तथा तीर्थ स्थलों को नुकसान पहुंचाने पर दस साल की कैद की सजा होगी। ये सदन के पटल पर रखे जायेंगे। विधानसभा में लाये जाने वाले बिल पंजाब स्टेट हायर एजूकेशन काउंसिल के गठन को भी मंजूरी दे दी गई। राज्य में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिये सुनियोजित तथा बेहतर तालमेल की जरूरत है। मुख्यमंत्री काउंसिल के प्रमुख, उच्च शिक्षा मंत्री इसके उपाध्यक्ष तथा उच्च शिक्षा के प्रशासनिक सचिव इसके सदस्य होंगे। बैठक में ठेके पर कार्यरत 516 वेटनरी फार्मासिस्ट तथा 531 सफाई कर्मचारियों के अनुबंध को 30 मार्च 2019 तक एक साल के लिये बढ़ाने को भी मंजूरी दे दी गई।