राष्ट्रीय महत्व के मामलों के संबंध में अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट में पहला कदम बढ़ाया गया है। सोमवार को वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट की कार्रवाई को लाइव दिखाने की मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने वकालत की। CJI दीपक मिश्रा ने कहा कि शुरूआत में कोर्ट नंबर एक से ये शुरू किया जा सकता है। लाइव स्ट्रीमिंग से पारदर्शिता और न्याय में प्रवेश को बढावा मिलेगा। वादी जान सकेंगे कि उनके केस में क्या चल रहा है? वहीं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि हमारे यहां खुली अदालतों का प्रावधान है और लाइव स्ट्रीमिंग इसी का एक एक्सटेंशन है। इससे छात्रों को सीखने का मौका मिलेगा। वहीं केंद्र सरकार ने भी मांग का समर्थन किया। अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट तैयार होता है तो सरकार लोकसभा या राज्यसभा की तरह अलग से सुप्रीम कोर्ट चैनल की व्यवस्था कर सकती है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि रेप के रेप के मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं होगी। इसी तरह वैवाहिक मामलों की भी नहीं हो सकती। सभी पक्ष इस संबंध में सुझाव दें। कोर्ट ने कहा कि 23 जुलाई तक इस संबंध में सुझाव दाखिल करें।