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पूरे देश में लागू हुआ ई-वे बिल, जान लीजिए इससे जुड़ी हर अहम बात

By JNN News/News Delhi

Published on 03 Jun, 2018 02:02 PM.

जी.एस.टी. के तहत इंट्रा स्टेट ई-वे बिल आज से देश भर में अनिवार्य हो जाएगा। सरकार ने ई-वे बिल को 1 अप्रैल से लागू किया था। इसके तहत 50 हजार रुपए से ज्‍यादा की वस्‍तु को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए ई-वे बिल अनिवार्य किया गया है। हालांकि इंट्रा स्टेट ई-वे बिल अभी तक सभी राज्यों में लागू नहीं हुआ था, जो अब हो जाएगा।

15 अप्रैल को इन राज्यों में लागू हुआ ई-वे बिल

राज्‍यों के अंदर ई-वे बिल को 15 अप्रैल से लागू किया गया था। राज्‍यों के अंदर सामानों की आवाजाही के लिए ई-वे बिल को अभी तक 20 राज्‍य लागू कर चुके हैं। इन राज्‍यों में गुजरात, उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान, असम, कर्नाटक, केरल, मध्‍य प्रदेश और हरियाणा शामिल हैं। कहां कहां लागू हो चुका है इंट्रा स्टेट ई-वे बिल कर्नाटक देश का पहला राज्य है जिसने सबसे पहले यानी 1 अप्रैल को ही इंट्रा स्टेट ई-वे बिल लागू कर दिया था। जिन राज्यों में इंट्रा स्टेट ई-वे बिल लागू किया जा चुका है उनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पुडुचेरी, असम और राजस्थान। लक्षद्वीप और चंडीगढ़ 25 मई को ई-वे बिल लागू कर चुके हैं, महाराष्ट्र में 31 मई को ई-वे बिल लागू किया जा चुका है जबकि पंजाब और गोवा में 1 जून से ई-वे बिल लागू होना है।

CBIC ने जारी किया लेटर

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्‍ट टैक्‍स एंड कस्‍टम (CBIC) की चेयरपर्सन बजाना सरन ने एक लेटर जारी कर कहा है कि 3 जून से इंट्रा-स्टेट e-way बिल अनिवार्य होगा। उन्‍होंने ऐसे राज्‍यों की GST अथॉरिटी से कहा है कि वह राज्‍यों से संपर्क में रहकर इस व्‍यवस्‍था को तय समय के अंदर लागू करें। रोज 4.5 करोड़ e-way बिल जारी हो रहे सरना ने कहा है कि e-way बिल सिस्‍टम 1 अप्रैल से लागू हो गया है और रोज औसतन 4.5 करोड़ e-way बिल जारी हो रहे हैं। इनमें से एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य के लिए 1.30 करोड़ e-way बिल जारी हो रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि e-way बिल चंडीगढ़ में 25 मई से, पंजाब और गोवा में 1 जून से और महाराष्‍ट्र में 31 मई से लागू होगा।

क्या है ई-वे बिल

अगर किसी वस्तु का एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर राज्य के भीतर मूवमेंट होता है तो सप्लायर को ई-वे बिल जनरेट करना होगा। अहम बात यह है कि सप्लायर के लिए यह बिल उन वस्तुओं के पारगमन (ट्रांजिट) के लिए भी बनाना जरूरी होगा जो जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं।

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