नई दिल्लीः कर्जदार एयर इंडिया के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है क्योंकि कंपनी को 323 यात्रियों को 88 लाख डॉलर (करीब 60 करोड़ रुपए) का हर्जाना देना पड़ सकता है। हर यात्री को 18.62 लाख रुपए मिल सकते हैं। खराब मौसम के कारण हुई थी देरी 9 मई को एयर इंडिया की फ्लाइट को दिल्ली से शिकागो के लिए जाना था। फ्लाइट को 16 घंटे में शिकागो पहुंचना था लेकिन 28 घंटे की देरी से पहुँची। खराब मौसम के कारण फ्लाइट को रूट डायवर्ट करके शिकागो की जगह मिलवाउकी एयरपोर्ट (अमेरिका) पर उतारा गया। मिलवाउकी से शिकागो की दूरी महज 19 मिनट की है।
2 घंटे के बाद भरनी थी उड़ान
फ्लाइट को मिलवॉयुकी से दो घंटे बाद उड़ान भरनी थी, लेकिन क्रू को इसकी परमिशन नहीं मिली। फ्लाइट के केबिन क्रू का ड्यूटी समय समाप्त हो चुका था। अत्याधिक थकान के बाद भी दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एक आदेश के बाद डीजीसीए ने अपने उस फैसले को वापस ले लिया था, जिसमें चलते विदेशी उड़ान पर मौजूद केबिन क्रू के लिए एक दिन में केवल एक ही लैंडिंग करने की अनुमति उसके पास रह गई थी।
"Jai hind news network" reported earlier on this issue very first
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इस वजह से एयर इंडिया को वैकल्पित व्यवस्था के तहत शिकागो से दूसरी केबिन क्रू को सड़क मार्ग के जरिए भेजना पड़ा था। नए केबिन क्रू के आने पर फ्लाइट ने शिकागो के लिए फिर से उड़ान भरी, जिसके कारण यह 28 घंटे की देरी से वहां पर पहुंची। इस फ्लाइट में 40 यात्री ऐसे थे जो व्हीलचेयर पर थे।
अमेरिका का सख्त कानून आ रहा है आड़े
अमेरिका में कानून है कि अगर कोई यात्री इंटरनैशनल फ्लाइट में 4 घंटे से ज्यादा देरी तक रहता है, तो फिर उस कंपनी को प्रति यात्री 27,500 डॉलर का हर्जाना देना पड़ेगा। इस हिसाब से इस फ्लाइट में 323 यात्री सवार थे, जिससे एयर इंडिया को 88 लाख डॉलर हर्जाने के तौर पर देने होंगे। मामला फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।