बार कौंसिल हल करे डीबीए जालंधर का विवाद - हाईकोर्ट
चंडीगढ़ 14 अगस्त (ब्यूरो चीफ) : डिस्टि्रक्ट बार एसोसिएशन (डीबीए), जालंधर के अपदस्त अध्यक्ष एडवोकेट कर्मपाल सिंह गिल को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। प्रतिवादी पक्ष के वकील मंदीप सिंह सचदेव ने बताया कि याचिका के निपटारे में हाईकोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा बार कौंसिल को आदेश दिया है कि वह 7 दिनों में 3 सदस्यीय कमेटी का गठन करके एक माह के भीतर पूरे मामले का निपटारा करे। हाईकोर्ट ने अपने फैसले से स्पष्ट कर दिया कि जनरल हाऊस की अपीलीय अथारिटी बार कौंसिल ही है। हाईकोर्ट के इस ताजा फैसले के बाद डीबीए जालंधर का संचालन बार कौंसिल के अगले फैसले तक जनरल हाऊस की गठित वर्किंग कमेटी के हाथ ही रहेगा। गौरतलब है कि वकीलों के कार डीलरों के साथ हुए विवाद के बाद समझौते को लेकर वकीलों में तनातनी हो गई थी। आनन-फानन में बुलाए जनरल हाऊस ने अध्यक्ष एडवोकेट कर्मपाल गिल को अपदस्त कर दिया था जिसके विरोध में कर्मपाल गिल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जनरल हाऊस के फैसले पर स्टे की मांग की थी। प्रतिवाद में दाखिल पक्ष के तौर पर कर्मपाल गिल पर कार डीलरों के साथ मिलीभगत करके मामला यदा-कदा सैटल करने का आरोप लगाया जिसमें लेन-देन की भी खासी चर्चा हुई। उधर, वादी एडवोकेट कर्मपाल सिंह गिल ने कहा कि वह बार कौंसिल के समक्ष अपनी बात रखेंगे। महज चर्चाओं के आधार पर किसी पर लांछन लगाकर उसको अपदस्त नहीं किया जा सकता।