जय हिन्द न्यूज/जालंधर
कांग्रेस की चन्नी सरकार के शासनकाल के दौरान जिला रोपड़ के कीरतपुर साहिब इलाके में एक सुनार के घर पर हुई 5kg सोने की डकैती मामले में आज नया मोड़ आया। राज्य में सत्ता पलट होने पर बनी आम आदमी पार्टी की मान सरकार के तीन साल बीत जाने के बाद भी पीडि़त का लूटा सोना बरामद न कर पाने का माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है।
माननीय जस्टिस एन.एस. शेखावत ने घटना के 4 साल बाद रंधीर उर्फ रणधीर सिंह की दायर एक अग्रिम जमानत याचिका के संज्ञान स्वरूप जिला रुपनगर के एसएसपी को स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया है। साथ ही निर्देश दिया है कि घटना के दौरान 20.09.2021 से लेकर अभी तक जांच से जुड़े सभी पुलिस अधिकारियों, थाना प्रभारियों की डिटेल रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए कि उन्होंने जांच को लेकर अपने क्या प्रयास किए।
माननीय हाईकोर्ट ने बैंच ने अपने जिमनी आर्डर में स्पष्ट कर दिया है कि यदि इस मामले की जांच में एसएसपी स्तर पर भी ढिलाई पाई गई तो उनके खिलाफ भी समान संज्ञान लिया जाएगा। माननीय बैंच ने रुपनगर के एसएसपी को साफ निर्देश जारी किया है कि यदि अगली तारीख से पहले केस की स्टेट्स रिपोर्ट अदालत में पेश न की गई तो वो खुद 24.07.2025 की सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष हाजिर हो।
दरअसल, 19.09.2021 की रात को जिला श्री कीरतपुर साहिब में सपना ज्यूलर से कारोबार करने वाले रजिंदर कुमार सोनी के घर पर डकैती हुई थी। डकैत पांच किलो सोने के जेवर और 10 लाख रुपए कैश लूट ले गए थे जो उस दौरान एक आरोपी डकैत राजकुमार को भागते समय वारदात में उपयोग वैपन से गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी।
घटना के बाद पुलिस ने मृतक की पहचान हिमाचल के जिला ऊना के राज कुमार के तौर पर की और उसके मोबाइलों की काल डिटेल के आधार पर 50 से ज्यादा केसों में नामजद डकैत सुनील उर्फ शशि उर्फ रवि उर्फ सागर उर्फ सोढी तथा इन्द्रजीत सिंह को काबू किया। पूछताछ में सुनील ने लूट के माल में से डेढ़ किलो सोना रणधीर और उसकी पत्नी गीता को देने की बात कही जिनको सह-आरोपी बनाया गया।
पुलिस ने दावा किया कि लूटा गया 300 ग्राम सोना तथा करीब चार लाख रुपए बरामद कर लिए गए तथा जांच के दौरान बाकी सोना व कैश रिकवर नहीं कर पाए। हैरत की बात है कि पुलिस ने रणधीर सिंह को भी हिरासत में नहीं लिया जबकि सुनील तथा इन्द्रजीत के साथ उसकी पत्नी गीता के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी। हालांकि इस दौरान पीडि़त विभिन्न स्तर पर जाकर उच्च स्तरीय जांच की गुहार लगाता रहा।
अब हुआ यह कि बीते साल ट्रायल कोर्ट ने रणधीर की पत्नी गीता उर्फ सीता को साक्ष्यों के अभाव में डिस्चार्ज कर दिया। पीडि़त रजिंदर ने माननीय हाईकोर्ट का रूख किया तो पुलिस पर प्रैशर बन गया। पुलिस ने आनन-फानन में फिर से रणधीर की तलाश में रेड की। अत: संदिज्ध आरोपी रणधीर भी सैशन से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने पर माननीय हाईकोर्ट पहुंच गया जिसकी सुनवाई के दौरान उक्त आदेश पारित हुआ।