जय हिन्द न्यूज/जालंधर
असली-नकली सरकारी कानूनी दस्तावेजों के जरिए डरा-धमकाकर लोगों को ब्लैकमेल करके रिश्वतखोरी करने के मामले में आज बड़ा अपडेट सामने आया।
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने बहुकरोड़ीय घोटाले में शामिल केंद्रीय हलके के विधायक रमन अरोड़ा के अंडरकवर रिकवरी एजैंट नगर निगम जालंधर के सहायक टाउन प्लानर (एटीपी) सुखदेव वशिष्ट के खिलाफ आज स्पैशल कोर्ट में आज चालान दायर कर दिया।
माना जा रहा है कि जांच एजैंसी ने आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद चालान पेश करने की सीमा के मद्देनजर यह कदम उठाया। जांच एजैंसी अगर ऐसा ना करती तो जेल में बंद आरोपी सुखदेव वशिष्ट की जमानत का एक मजबूत आधार बन जाता। हालांकि अब यह लाभ नहीं मिलने की संभावना बन गई है जिसकी रैगुलर जमानत अर्जी पर कल माननीय हाईकोर्ट में सुनवाई होने जा रही है।
जानकारी के मुताबिक करीब 5600 पेजों पर आधारित चालान में आरोपी एटीपी सुखदेव वशिष्ट को दोषी साबित किए जाने के लिए गवाहों के बयान तथा दस्तावेजी सबूत व नगर निगम का रिकार्ड मौजूद बताए गए हैं। साथ ही आरोपी के करीबी-रिश्तेदारों की संपतियों का ब्यौरा भी बतौर फाइनैंशियल रिकार्ड सबूत पेश किए हैं।
जांच एजैंसी की रिपोर्ट के बारे में पता लगा है कि उन्होंने विधायक रमन अरोड़ा को इस असली-नकली दस्तावेजों के सहारे अंजाम दिए बहुकरोड़ीय ब्लैकमेलिंग-रिश्वत कांड का किंगपिन माना है। हालांकि उनका चालान भी तैयार किया जा रहा है। वहीं, एटीपी सुखदेव वशिष्ट को उसके इशारे पर लोगों को रिश्वत देने के लिए मजबूर करने के कृत्य का आरोपी ठहराया है।
वहीं, दूसरी तरफ जांच में ब्लैकमेलिंग-रिश्वतखोरी करने के लिए इस्तेमाल किए काफी सारे सरकारी दस्तावेजों के जाली होने को भी तस्दीक किया गया है। इसके चलते केस में भ्रष्टाचार कानून की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ सबूत मिटाने 238 तथा ब्लैकमेलिंग की धारा 308 पर आधारित बीएनएस कानून की धाराएं भी जोड़ी गई है।
स्पैशल कोर्ट ने चालान स्वीकार करते हुए ट्रायल की अगली तारीख तय कर दी है। माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कल सुखदेव वशिष्ट की रैगुलर जमानत अर्जी पर सुनवाई होने जा रही है। साथ ही मुख्य आरोपी विधायक रमन अरोड़ा के फरार चल रहे कुड़म राज कुमार उर्फ राजू मदान तथा बेटे राजन अरोड़ा की अग्रिम जमानत अर्जी पर भी सुनवाई होगी।
पता चला है कि जांच एजैंसी ने तीनों की जमानत रिजैक्ट करवाने के लिए पूरी कमर कसी है।