जय हिन्द न्यूज़/जालंधर
सस्ते BRAND के महंगे सरिये की खरीद समेत अन्य कई निर्माण सामग्री में करोड़ो का झोल करने और महान रणबांकुरो के 10 बुतों की खरीद क़ो कागजो में दिखाने के आरोपों के तहत नामजद PWD के JE जतिन्दर पाल सिंह क़ो आज स्पेशल कोर्ट ने अग्रिम ज़मानत लाभ देने से इंकार कर दिया। संभवतः LOC लगी होने के कारण Canada में छुपे बैठे आरोपी JE ने वहां बैठे-बैठे भारत में ज़मानत लाभ लेने की कोशिश की थी। अग्रिम ज़मानत अर्जी पर ज़ब बहस हुई तो कोर्ट ने पाया कि स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की जांच में काफी ऐसे सबूत हैं जो उसकी हिरासती पूछताछ का स्पष्ट संकेत दे रहे हैं। अकेले 10 बुत बिना खरीद के बिल पास होने के तथ्य क़ो भी अदालत ने सुनवाई के दौरान गंभीरता से सुना और संभवतः यह अपना फैंसला अग्रिम ज़मानत अर्जी रद्द करने वाला सुनाया।
याद करा दे कि स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने इस प्रोजेक्ट scam क़ो लेकर AJIT अखबार के मुख्य संपादक बर्जिन्दर सिंह हमदर्द, IAS विनय बुबलानी समेत दर्जन भर अफसरों और ठेका कंपनी के मालिकों क़ो नामजद किया था। फिलहाल यह मामला Highcourt में भी लंबित है जिसका फैंसला आना अभी बाकी है जिसके बाद ही स्पष्ट होगा कि केस किस दिशा में और कितनी ताकत के साथ चलेगा। वैसे एंटी corruption movement चलाने वाली AAP सरकार ने इस मामले में काफी ढीलई बरती थी जिसके चलते VB chief क़ो हटाया भी जा चुका है।