जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पहले दो-दो दिन और अब तीन दिन के रिमांड पर चल रहे नगर निगम पठानकोट और जालंधर की बिल्डिंग ब्रांच के असिस्टैंट टाउन प्लानर (एटीपी) सुखदेव वशिष्ठ को पंजाब सरकार ने सस्पैंड कर दिया है। पता चला है कि उसको नौकरी से भी डिसमिस करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
भले ही विजिलैंस ब्यूरो दावा कर रहा है कि रिमांड के दौरान एटीपी सुखदेव वशिष्ठ ने अपना मुंह नहीं खोला है लेकिन सूत्रों का दावा है कि डीआईजी लेवल के अफसर की तकनीकी पूछताछ के दौरान वशिष्ठ ने सारा राज उगल दिया है। यही नहीं उसने अपनी गेम में शामिल सभी प्लेयर्स के नाम भी सांझा कर दिए हैं।
सूत्रों ने यह भी सांझा किया है कि विजिलैंस ब्यूरो की जांच में नगर निगम जालंधर आफिस के रिकार्ड को हासिल करने के बाद फील्ड में जाकर वैरीफिकेशन भी शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि रिकार्ड फाइल और मौके पर मौजूद इमारत की रिपोर्ट को टेबल पर रखकर न केवल आरोपी सुखदेव से तकनीकी पूछताछ की जा रही है बल्कि अवैध निर्मित दिखाई दे रही इमारतों पर एक्शन न लेने का कारण भी पूछा जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि सुखदेव ने रिकार्ड फाइलों के आधार पर अवैध निर्माण के खिलाफ पहले एक्शन लेने और फिर नोटिस जारी करने के बाद एक्शन न लेने के लिए आदेश देने वाले नेताओं के नाम भी उजागर कर दिए हैं। सूत्र की माने तो पूछताछ के दौरान आरोपी सुखदेव गुस्से में आकर यह बोल भी चुका है कि वो मरेगा तो सभी को साथ लेकर मरेगा।
सूत्रों के अनुसार अभी तक की जांच में यह सनसनीखेज तथ्य सामने आ चुके हैं कि नेशनल हाइवे पर परागपुर स्थित होटल मैरीटन की ऊपर की दो इमारतें अवैध निर्मित है। रिकार्ड फाइल में उस पर एक्शन लेने का पारित आदेश भी लगा है और उस समय आरोपी सुखदेव के पास ही उस जोन का प्रभार था। सूत्र बताते है कि विजिलैंस ब्यूरो ने होटल के वर्तमान मालिकों से भी पूछ-पड़ताल कर ली है।
उधर, पता चला है कि आरोपी सुखदेव ने बड़े नेता का नाम ले दिया है और 20 अटैची की सुनी-सुनाई बात भी सांझा कर दी है और कहा है कि यह बात पावरफुल मैडम जी को भी पता है। इसी प्रकार रामामंडी क्षेत्र की भी करीब 150 इमारतों का रिकार्ड जांच अधीन है जो मुख्य मार्ग पर बिल्डिंग बायलाज की वायलेशन करने बनाई गई है।
सूत्रों की माने तो विजिलैंस ब्यूरो की जांच का फोकस साल सितंबर 2024 तक सैंट्रल हलके में बनी अवैध इमारतों व कालोनियों और उसके बाद अभी तक सैंट्रल और वैस्ट हलके में बनी उन इमारतों व अवैध कालोनियों पर हैं, जिनको पहले नोटिस दिया गया। हलका एक्शन भी लिया गया। काफी इमारतों को सील भी किया गया और फिर उन इमारतों व कालोनियों को बिल्डिंग बायलाज का उल्लंघन करके बनने दिया गया।
बहरहाल, आरोपी एटीपी सुखदेव से पूछताछ का सिलसिला जारी है। होटल मैरीटन समेत असंख्य आलीशान इमारतों तक पहुंची जांच ने साफ कर दिया है कि विजिलैंस किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं है। अवैध इमारतों के मालिकों से पूछताछ के दौरान रिश्वत देने की बात पर भी चर्चा की जा रही है और नुक्सान न होने प्रति भी आश्वस्त किया जा रहा है। अब देखना शेष है कि जांच में कितनों को गर्दन नपती है।