Latest News

आलू व्यापारी से ठगी-जालसाजी करने वाले दो सगे भाईयों को मिली सजा, कोठी हड़पने की की साजिश का हुआ था पर्दाफाश, पुलिस ने दर्ज किया था केस 

By JAI HIND NEWS/JALANDHAR

Published on 21 Mar, 2025 05:03 PM.

          जय हिन्द न्यूज/जालंधर

 


तीन भाई 16-16 मरले की आलीशान कोठियों के मालिक थे। एक भाई दूसरे राज्य में कमाने के लिए क्या गया, बाकी दो भाईयों का दिल बेइमान हो गया। अत: आज करीब 13 साल बाद दोनों भाईयों को स्थानीय जज राम पाल के बैंच पर आधारित कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद और जुर्माने की सजा सुनाकर दंड दिया।
 

 

 

 

 

सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के वकील अमरिंदर राजपाल ने सबूत-गवाहों के अलावा अपने सवालों का चक्रव्हू रचकर अदालत के समक्ष सारा सच खोलकर रख दिया जिससे दोनों पर लगे आरोप साबित हुए कि दोनों भाईयों प्रितपाल सिंह और नवदीप सिंह ने तीसरे भाई गुरमीत सिंह की गुरु तेग बहादुर एन्कलेव जालंधर स्थित कोठी नंबर 10 का हिस्सा हड़पने की नीयत से ठगी-जालसाजी को अंजाम दिया था।
 

 

 

 

 

दोषी करार प्रितपाल और नवदीप पर लगा आरोप यह साबित हुआ है कि दोनों ने मिलीभगत करके भाई गुरमीत सिंह के नाम का बिजली का मीटर अपने नाम ट्रांसफर करवा लिया था। साबित यह भी हुआ कि प्रितपाल ने अपने भाई गुरमीत के फर्जी साइन करके अर्जी पेश की और उस पर दूसरे भाई नवदीप सिंह ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किए थे।
 

 

 

 

 

कोर्ट ने दोषी करार दोनों भाईयों प्रितपाल सिंह और नवदीप सिंह को आईपीसी की धारा 464 और 468 के तहत तीन-तीन साल की सजा और दो-दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसी प्रकार दोनों को आईपीसी की धारा 420, 471 तथा 120-बी के तहत एक-एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर दोनों को एक महीने की अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।
 

 

 

 

 

दरअसल, पुलिस ने साल 2011 में पीडि़त गुरमीत सिंह की शिकायत की जांच के बाद इसके दोनों भाईयों तथा इनकी पत्नियों सतिंदर कौर तथा हरमिंदर कौर के खिलाफ थाना 6 में केस दर्ज किया था। आलू व्यापारी गुरमीत की शिकायत थी कि साल 2010 के दौरान जब वह बैंगलौर से जालंधर कोठी में आया तो उसने कोठी में प्रितपाल का कब्जा पाया था।
 

 

 

 

 

गुरमीत ने बिजली बोर्ड को भी शिकायत दी थी जिसके बाद कनैक्शन काटने आए बिजली वालों के साथ भी विवाद हुआ था। घटना के बाद दोनों भाईयों प्रितपाल और नवदीप के खिलाफ बिजली बोर्ड के एसडीओ राकेश कुमार ने भी केस दर्ज करवाया था जिसमें दोनों को बीते साल ही कोर्ट ने बरी किया था लेकिन उस मामले में अपील पर सुनवाई जारी है।
 

 

 

 

दरअसल, गुरमीत सिंह ने साल 1992 में मनोहर सिंह से प्लाट खरीदा था। उनके बयान के मुताबिक वो बिजनेस के सिलसिले में बैंगलौर जाते थे तो केयर टेकिंग के लिए कोठी की चाबी साथ 11-ए कोठी नंबर में रहते भाई प्रितपाल को दे जाते थे। उनको जरा सा भी आभास नहीं था कि उनका सगा भाई अन्य भाई के साथ मिलकर उनकी कोठी हड़पने की साजिश को अंजाम देने की कोशिश करेगा।
 

Reader Reviews

Please take a moment to review your experience with us. Your feedback not only help us, it helps other potential readers.


Before you post a review, please login first. Login
Related News
ताज़ा खबर
e-Paper

Readership: 295663