जय हिन्द न्यूज/जालंधर
अवैध ढंग से देश में घुसे भारतीयों पर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का बैकफायर होने के बाद भारतीय जांच एवं सुरक्षा एजैंसियां पूरी तरह से सक्रिय है। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध ढंग से विदेश भेजने वालों पर शिकंजा कसा था जिसके बाद पंजाब पुलिस भी हरकत में क्या आई, उससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है।
ताजा जानकारी मिली है कि दिल्ली के बाद पंजाब पुलिस ने EASYVISA ऐजुकेशन कंसल्टैंट फर्म पर शिकंजा कस लिया है। खबर है कि ई.डी ने बीती चार मार्च 2025 को ईजी वीजा के चंडीगढ़, जालंधर तथा लुधियाना स्थित ठिकानों पर रेड करके आफिस रिकार्ड, दस्तावेज तथा कैश आदि कब्जे में लिए है। ED की बाकी टीमों द्वारा अन्य वीजा दिलाने वाली फर्मों REDLEAF IMMIGRATION PRIVATE LIMITED, ओवरसीज पार्टनर ऐजुकेशन कंस्लटैंट्स, इनफोविज साफ्टवेयर साल्यूशन के दफ्तरी व आवासीय ठिकानों पर सर्च की है।
पता चला है कि जालंधर में इस ट्रैवल फर्म के संचालकों अमित कक्कड़, स्वाती कक्कड़, रवि कक्कड़, शिवांग शर्मा तथा रोबिन तलवाड़ के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420 तथा पंजाब ट्रैवल प्रोफैशनल एक्ट की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोप है कि यह फर्में बीते समय में वीजा दिलाने लिए फर्जी अनुभव दस्तावेज भी तैयार करवाकर देते थे।
यहां बता दे कि अमेरिका के भारत में स्थित ओवरसीज इन्वैस्टीगेशन्स आफिस को पता चला है कि आरोपी फर्म ईजी वीजा दिलाने के लिए फर्जी अनुभव सर्टीफिकेट प्रदान करती थी। यह भी पता चला है कि आवेदक को स्टडी एवं विजिटर वीजा दिलाकर मोटी डील करके वहां जाकर डंकी करवाने या फर्जी अनुभव दस्तावेजों के सहारे नौकरी दिलाने का खेल खेला जाता था जिसकी जांच चल रही है।
उधर, भारत में जहां पुलिस ठगी एवं ट्रैवल कानून के उल्लंघन के अपराध की जांच कर रही है, वहीं ई.डी यह लिंक स्थापित करने में जुटी है कि मोटी रकम आवेदक ने पहले तो कहां से हासिल की। फिर यह रकम किसको और कैसे अदा की गई और रकम का हिस्सा विदेश किस जरिए से भेजा गया। बहरहाल, ईडी पता लगाने में जुटी है कि गिरोह में कौन-कौन शामिल था और वो कैसे सारा खेल खेलता था।