जय हिन्द न्यूज़/कपूरथला
नाबालिगा का अपहरण कर उसे बंधक बनाकर उसका देहिक शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद केंद्रीय सुधार गृह कपूरथला (जेल) में 31.07.2023 से बंद किरपाल चंद वकील करने के लिए पैसे न होने के कारण हार मान चुका था।
फगवाड़ा के गांव मलकपुर के एक गरीब परिवार के मेहनत कश युवक इस किरपाल से गलती यह हुई थी कि उसने एक युवती से भागकर शादी की लेकिन उस समय उम्र का ध्यान नहीं रखा कि वो नाबालिग थी।
दोनों को ज़रा भी एहसास न था कि उनके घर से भागने के बाद क्या हुआ। दोनों ने मिलकर परिवार बसाया, बेटा भी हुआ और वो ख़ुशी से जीवन व्यतीत कर रहे थे कि लड़की के पिता के दर्ज़ करवाए मामले में पुलिस ने उसे तब गिरफ्तार कर लिया ज़ब वो ससुराल लड़की और बेटे को मिलवाने लाया।
अब हुआ यह कि साल 2023 के दौरान उसको जेल वेलफेयर बोर्ड के सीनियर अफसर सतपाल से FREE LEGAL AID के बारे में पता चला। किरपाल को बिना खर्च इंसाफ पाने की उम्मीद जगी और आवेदन करने पर CHIEF DEFENCE COUNCIL (CDC) कपूरथला श्री सतपाल भगत (Retd. DA) ने उसका केस सुनने के बाद उसको न्याय प्रति आश्वासत किया।
केस डिप्टी डिफेन्स कॉउन्सिल रमेश लाल को मार्क हुआ जिन्होंने केस के गवाहों को अपने बेहद तकनीकी सवालों से सच्चाई बयान करने पर मजबूर कर दिया। अब चूंकि अदालत के सामने सच्चाई आ चुकी थी कि न अपहरण हुआ, न बंधक बनाया और ना रेप हुआ।
अतः एक उच्च कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुई एडवोकेट रमेश लाल ने तत्काल कोर्ट से किरपाल की ज़मानत मांगी जिसको ट्रायल कोर्ट ने मंजूर कर लिया। विगत दिवस CDC office की ADC एडवोकेट विभूति शर्मा ने किरपाल के bail बांड पेश करके उसकी रिहाई का आदेश जारी करवाया।
किरपाल जब जेल से रिहा हुआ, उस दिन उसके और उसके परिवार के सभी सदस्यों के चेहरे से बिना खर्च न्याय मिलने वाली एक अजब ख़ुशी झलक रही थी। ADC एडवोकेट विभूति शर्मा खुद काफ़ी संतुष्ट नज़र आई और सारा श्रेय CDC सतपाल और Dty. DC रमेश लाल को जाने की बात कही।
सुश्री शर्मा ने दोहराया कि देश की न्याय व्यवस्था में काफ़ी अधिकार हैं लेकिन कम शिक्षित होने और जागरूकता का अभाव होने से काफी लोग न्याय से वंचित रह जाते हैं। निर्दोष व्यक्ति दोषी करार दे दिया जाता था लेकिन अब इसके चांस FREE LEGAL AID दिए जाने के बाद काफी कम होते जा रहे हैं।
संपर्क करने पर श्री सतपाल भगत CDC ने कहा कि आरोपी को जेल भेजना प्रक्रिया है तो जमानत पाना उसका अधिकार लेकिन यह तभी संभव है जब योग्य कानूनी सहायता आर्थिक हालातों के अनुसार मिले। संभवतः इसलिए FREE LEGAL AID को 100% योग्य लोगों पर लागू किया जा रहा है।