जय हिन्द न्यूज़/जालंधर
करोड़ो के लेनदेन को लेकर पुलिस कस्टडी से सुमेध गुलाटी नामक बिल्डर के अपहरण व मारपीट मामले में आज मोहाली की विशेष अदालत ने आरोपी IPS अफसर IG गौतम चीमा और ट्रेवल फ़्रॉड समेत करीब 36 क्रिमनल केसों का सामना कर रही फ़्रॉड ट्रेवल एजेंट रश्मि नेगी (रश्मि सिंह/रश्मि मोंगिया) को दोषी ठहराकर जुर्माने समेत सजा सुनाई।
दोषी करार में J&K से निलंबित डिफेन्स एस्टेट अफसर अजय चौधरी, वकील वरुण उतरेजा, विकी वर्मा तथा आर्यन सिंह भी शामिल हैं जिनको चीमा-रश्मि के साथ IPC की धारा 120-B, 186 और 225 के तहत जुर्माने समेत अधिकतम 8-8 महीने की सजा सुनाई।
कोर्ट ने फ़ैसला सुनाने के बाद दोषियों की अर्जी स्वीकार करके सभी को अपील करने के लिए एक महीने का समय देकर फिलहाल सजा सस्पेंड करके जमानत पर रिहा कर दिया है।
दोषी करार सभी गिरोह के सदस्यों के खिलाफ I.O दिलबाग़ सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज़ किया गया था। इस गिरोह का बिल्डर दविंदर गिल उर्फ़ थापा के साथ लेन-देन को लेकर करोड़ो का विवाद हो गया था। चूंकि दविंदर और सुमेध किसी मामले में P.O थे और मोहाली फेज-1 थाना पुलिस ने सुमेध को गिरफ्तार कर लिया था।
आरोप है कि IG गौतम चीमा और फ़्रॉड ट्रेवल एजेंट रश्मि नेगी समेत वकील वरुण उतरेजा थाना से उक्त बिल्डर को पुलिस कस्टडी से जबरन अपने साथ ले गए थे और अपनी निजी वसूली के लिए उसके साथ मारपीट की थी। जब शोर मच गया तो पुलिस ने गिरोह की नाजायज कस्टडी से सुमेध को रिहा करवाया था।
इसके बाद मामला तो दर्ज़ हुआ लेकिन इस मामले को काफ़ी सारी जांचो के साथ उलझाकर ख़त्म करने की कोशिश की गई। अतः सुमेध गुलाटी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की और मामला CBI के हवाले कर दिया गया था। काफी लंबी जांच के बाद CBI ने इस गिरोह को IPC की धारा 365, 452, 323, 506, 342, 186, 225 और 120-B के तहत दोषी मानकर चार्ज शीट फ़ाइल की थी।