जय हिन्द न्यूज/जालंधर
एक व्यक्ति पर सरेराह हुए कातिलाना हमले की जांच में न केवल घोर कोताही बरतने बल्कि माननीय हाईकोर्ट के समक्ष झूठ बोलने पर थाना 6 के पूर्व तथा थाना 5 के वर्तमान पुलिस इंस्पैक्टर साहिल चौधरी खुद पर एक साल का बैन लगवा बैठे हैं।
माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर आज खुद पेश हुए जालंधर के पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने माननीय कुलदीप तिवारी के बैंच के समक्ष शपथ पक्ष पेश करके सूचित किया कि दोषी पुलिस इंस्पैक्टर साहिल चौधरी के खिलाफ दो महीने में जांच पूरी कर ली जाएगी। साथ ही यह भी बताया कि उसको एक साल तक एसएचओ नहीं लगाया जाएगा तथा फरार आरोपियों की तलाश में बिना किसी ढील हर संभव प्रयास किया जाएगा।
वहीं, माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आरोपी गगनदीप सिंह उर्फ मिल्खा की मैडीकल ग्रांऊड पर रैगुलर जमानत भी आज मंजूर कर ली। याद रहे कि पिछली सुनवाई के दौरान जालंधर के पुलिस कमिश्नर को थाना प्रभारी के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया था और खुद पेश होने का आदेश दिया था।
बता दे कि यह मामला जालंधर के थाना 6 से जुड़ा है जिसके पूर्व एसएचओ साहिल चौधरी को माननीय उच्च न्यायालय ने प्रथम दृष्टतया मामले की जांच संबंधित झूठी जानकारी कोर्ट समक्ष प्रस्तुत करने का आरोपी पाया था। माननीय मिस्टर जस्टिस कुलदीप तिवारी के बैंच ने केस डायरी देखने पर पाया कि एसएचओ साहिल चौधरी ने जांच को लेकर जो दावे पेश किए, वो केस फाइल में दर्ज नहीं थे।
दरअसल, संदेह के आधार पर सह-आरोपी बनाकर गिरफ्तार किए गए मंजीत सिंह उर्फ लवली की रैगुलर जमानत याचिका मंजूर करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने थाना 6 के एसएचओ साहिल चौधरी को तलब किया था। वहीं, पीडि़त के वकील मंदीप सिंह सचदेव की दलीलों के तहत अन्य 6 सह-आरोपियों की गिरफ्तारी न होने को लेकर काफी सवाल खड़े किए गए थे। साथ ही शिकायतकर्ता की सुरक्षा को लेकर भी मुद्दा उठाया गया था।
मूल मामला जालंधर निवासी मदन गोपाल पुत्र बिशन दास से जुड़ा है जिन पर 10 अगस्त 2024 की रात श्री गुरू रविदास चौक में हमला किए जाने के आरोप में थाना 6 में 16.08.2024 को केस दर्ज किया गया था। रिकार्ड मुताबिक आरोपी गगन दीप सिंह और संदेह के आधार पर मंजीत सिंह लवली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जबकि अन्य फरार थे।
गौरतलब है कि जमानत सुनवाई के दौरान माननीय बैंच के समक्ष 03.12.2024 को पेश हुए थाना 6 के पूर्व एसएचओ साहिल चौधरी ने बैंच को जांच की दिशा और आरोपियों की पहचान व गिरफ्तारी के प्रयासों बाबत सूचित किया था कि चिन्हित सह-आरोपियों के संभावित ठिकानों पर रेड की जा रही है। उनकी काल डिटेल व लोकेशन को लेकर डाटा हासिल कर लिया गया है।
तब हुआ यह था कि माननीय जस्टिस कुलदीप तिवारी ने जब केस डायरी का अध्ययन किया और एसएचओ साहिल चौधरी को केस डायरी में से काल-डिटेल व लोकेशन हासिल करने के लिए किए पत्र-व्यवहार के बारे में पूछा था तो वो कोई उत्तर नहीं दे पाए थे। अत: बैंच ने झूठी बयानबाजी करने के आरोप में एसएचओ साहिल चौधरी के खिलाफ आदेश पारित कर दिया था। साथ ही जालंधर के पुलिस कमिश्नर को आदेश जारी किया था कि वे एसएचओ साहिल चौधरी के खिलाफ एक तो विभागीय जांच करके बैंच के समक्ष कार्रवाई रिपोर्ट बाबत अपना शपथ पत्र प्रस्तुत करें तथा दूसरा कोर्ट को सहयोग देने के लिए अगली तारीख 16.12.2024 को रिकार्ड लेकर खुद पेश हों।