जय हिन्द न्यूज/जालंधर
साल 2020, कोराना महामारी का काल, जदो घड़ी दा पता नहीं सी और कामकाज ठप्प होने से आमजन पैसे-पैसे को तरस रहा था। इस दौरान जिंदा इंसानियत वाले लोग सच्ची नीयत से लोगों को सेवा कर रहे थे, उसी दौरान मंदाकिनी फार्म रिसोर्ट के दोनों मालिक पुनीत जैन व अशोक जैन नीयत खोटी करके बैठे थे। इस आश्य का खुलासा जिला उपभोक्ता फोरम (कंज्यूमर कोर्ट) के ताजा फैसले से हुआ है।
माननीय फोरम (कोर्ट) के फुल बैंच ने नैशनल हाइवे-1 पर परागपुर स्थित मंदाकिनी फार्म के संचालकों पुनीत जैन तथा अशोक कुमार जैन को सेवा में कोताही तथा अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी करार देते हुए भाविष कालिया की ओर से मैरिज ईवेंट की बुकिंग के तौर पर अदा की दो लाख रुपए की रकम लौटाने का आदेश दिया है।
चूंकि इस मामले में मैरिज पैलेस संचालक की नीयत में खोट साबित हुआ इसलिए माननीय बैंच ने दोषी मैरिज पैलेस संचालको को यह आदेश भी दिया है कि वे ग्राहक को परेशानी व मानसिक तंगी देने के चलते 15 हजार रुपए मुआवजा भी अदा करे। यही नहीं बैंच ने कानूनी खर्च 8 हजार रुपए भी अदा करने का आदेश दोषी पैलेस मालिकों को दिया है।
दरअसल, कपूरथला रोड जालंधर स्थित 223 राजा गार्डन निवासी भाविष कालिया ने बेटी की शादी 20.11.2020 को तय की थी और 01.03.2020 को 800 मेहमानों के कार्यक्रम के लिए मंदाकिनी फार्म रिसोर्ट की बुकिंग करवाते हुए 2 लाख रुपए चैक के जरिए प्रबंधन को अदा किए थे। करीब 20 दिन बाद कोरोना महामारी की दस्तक से लाकडाउन लग गया तथा पाबंदी लागू हो गई। यहां तक कि शादी में आने वाले लोगों की संख्या भी नाममात्र कर दी गई थी।
भाविष के वकील सुशांत कुमार ने माननीय बैंच को अवगत कराया कि कोरोना के कारण शादी की बुकिंग कैंसिल करने पर रिसोर्ट मालिक कन्नी काट गए जिसके चलते डीसी जालंधर को भी शिकायत की गई थी। डीसी को शिकायत करने पर दोनों रिसोर्ट मालिकों ने लिखित एग्रीमैंट में स्वीकार किया था कि वे रकम लौटा देंगे लेकिन दोनों अपनी जुबान पर नहीं रहे और नीयत में खोट का प्रदर्शन कर दिया।
बकौल, भाविष। सुनवाई के दौरान माननीय बैंच के तलब करने पर दोनों रिसोर्ट मालिकों पुनीत जैन व अशोक जैन ने पहले माना फिर आखिरी दौर में पेशी से कन्नी काटी और फैसला कर दिया गया। अत: बैंच ने बुकिंग रकम दो लाख रुपए रिफंड करने के साथ हैवी पैनेल्टी व लीगल फीस 45 दिनों के अंदर करने का आदेश जारी कर दिया।