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SUPREME COURT: बाल यौन शोषण से जुड़ा कॉन्टेंट देखना या डाउनलोड करना अब क़ानूनी अपराध है

By Jai Hind News Desk

Published on 23 Sep, 2024 01:38 PM.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि CHILD PORNOGRAPHY कॉन्टेंट को देखना या DOWNLOAD करना POCSO ACT और आईटी LAW (सूचना एवं तकनीकी कानून) के तहत अपराध है. सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट का वो फैसला पलट दिया है, जिसमें बच्चों से जुड़े पोर्नोग्राफी कॉन्टेंट को देखने या डाउनलोड करने को अपराध नहीं माना गया था सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी कॉन्टेंट को स्टोर करना भी पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत अपराध है.

 

सुप्रीम कोर्ट ने संसद को सुझाव दिया है कि पॉक्सो एक्ट में बदलाव के लिए एक क़ानून लाया जाए. इसमें “CHILD PORNOGRAPHY” की जगह “चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉइटेटिव एंड अब्यूजिव मटीरियल” लिखे जाने की सलाह दी है. SUPREME COURT ने बाकी सभी कोर्ट को “चाइल्ड पोर्नोग्राफी” शब्द ना इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है.

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