जय हिन्द न्यूज/जालंधर
अनियमितता एवं भ्रष्टाचार को लेकर जालंधर इंप्रूमैंट ट्रस्ट एक बार फिर से चर्चा में आया है। वर्तमान चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा ने शिकायत देकर सिटी पुलिस में अफसरों-कर्मचारियों समेत कुछ प्राइवेट लोगों के खिलाफ 2 प्लाटों की जालसाजी को लेकर नए मामले दर्ज करवाए है जिससे दफ्तर में बवाल मच गया है।
पूर्व ई.ओ राजेश चौधरी समेत कुछ कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज आपाराधिक मामलों को लेकर विरोध चीफ सैक्रेटरी तक भी पहुंचा है। विवाद पनपा है कि चेयरमैन को सीधे किसी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करवाने का अधिकार नहीं है। दोनों मामले जुलाई महीने के दौरान थाना 4 में दर्ज किए गए हैं।
20 जुलाई 2024 को दर्ज पहले मामले 176 में पूर्व ईओ राजेश चौधरी, अमनदीप सिंह मठारू तथा अन्य ट्रस्ट अधिकारियों के खिलाफ तथा दूसरे मामले 177 में राजवंत कौर पत्नी जगमोहन सिंह, क्लर्क मुख्तियार सिंह तथा क्लर्क पवन कुमार के तहत दर्ज किया है। दोनों मामलों में आईपीसी की धारा 406, 408, 420, 464, 466, 468, 380, 201, 511 तथा 120-बी लगाई गई है।
उधर, वर्तमान चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा की ओर से बीते समय में एक आम नागरिक रहते दर्ज करवाए करप्शन के मामले में सैशन कोर्ट से दोषी करार जूनीयर सहायक संदीप मित्तर की सजा पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। उच्च कोर्ट ने आरोपी संदीप को जमानत प्रदान करते हुए अगले फैसले तक कैश पैनेल्टी पर भी रोक लगा दी है।
उधर, चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा का दावा है कि उन्होंने कानून के मुताबिक मामले दर्ज करवाएं हैं। उन्होंने कहा कि वो अपने आफिस में रहते भ्रष्टाचार को स्वीकार नहीं करेंगे तथा दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाकर रहेंगे। बहरहाल, देखना शेष होगा कि चेयरमैन के इस कदम को शीर्ष अफसर मान्यता प्रदान करते हैं या नहीं।