जय हिन्द न्यूज/जालंधर
रेप केस की गवाही रोकने के लिए किए सास-बहु की हत्या के प्रयास मामले में स्थानीय सैशन कोर्ट ने चार नामजद आरोपियों को 3.5 साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने चारों दोषियों को 1-1 हजार रुपए जुर्माना भी किया है जिसे अदा न करने की सूरत में 6 माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी पड़ेगी। चारों आरोपी अभी तक जमानत पर थे।
आईपीसी की धारा 308 के तहत दोषी करार जालंधर के संतोखपुरा की नींबू वाली गली निवासी राकेश तथा मेशी दोनों पुत्र चट्टू तथा शीनू गिर तथा राजा दोनों पुत्र सोढी गिर को आज माननीय एडिशनल सैशन कोर्ट केवल कृष्ण जैन द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद जेल भेज दिया गया। हालांकि इनके परिवार की चार महिलाओं को बरी कर दिया।
आठों के खिलाफ थाना 8 पुलिस ने 11.10.2013 को घायल शांति के बयान पर आईपीसी की धारा 308, 323, 148, 149 के तहत मामला दर्ज किया था। पीडि़ता शांति ने खुद पर हमले के बाद मैडीकल करवाने के बाद अपने बयानों में आरोप लगाया था कि आरोपियों ने उनको तथा उनकी बहु रितू को घटना की रात करीब 8 बजे नींबू वाली गली में घेरकर मारपीट की और हत्या की नीयत से उनके सिर पर ईंटों से बार किए थे।
वजह रंजिश यह बताई कि उनकी होशियारपुर निवासी एक महिला रिश्तेदार ने चारों दोषी करार आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवा रखी थी। इस मामले में दोनों की गवाही को रोकने के लिए दबाव बनाया जा रहा था लेकिन उन्होंने गवाही दे दी थी जिसके चलते चारों ने पीडि़ता सास-बहु को सरेराह रोककर पीटा और हत्या करने की नीयत से ईंटों से कई वार करके अधमरा कर दिया था।
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक पीडि़त पक्ष की मैडीकल रिपोर्ट और चश्मदीद गवाहों के बयानों आधार पर थाना 8 पुलिस ने छह आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। पीडि़त पक्ष ने बताया कि उन्होंने सरकारी वकील के साथ प्राइवेट वकील अरमिंदर सिंह को किया जिन्होंने राजनीतिक प्रैशर में बेगुनाह करार दिए दो आरोपियों राकेश व मेशी को सम्मन आर्डर करवाकर आरोपी बनवाया और किए की सजा तक पहुंचाया।