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लॉरेंस इंटरव्यू: HC की पंजाब सरकार को फटकार, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं, दूसरे राज्यों से सीखने की नसीहत

By RAJESH KAPIL, EDITOR IN CHIEF

Published on 07 Sep, 2024 02:48 PM.

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। सरकार को यह फटकार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जेल से हुए इंटरव्यू मामले के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई न करने और जेलों में जैमर न लगाने के लिए लगाई है।

 

 

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पुलिस हिरासत में इंटरव्यू को लेकर लंबित स्वत: संज्ञान मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई। पंजाब के मुख्य सचिव शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट पेश हुए थे।

 



सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जेलों में जैमर लगाने के मामले में सरकार से जवाब मांगा तो सरकार ने बताया कि जेलों में जैमर व सुरक्षा के लिए करीब 600 करोड़ का खर्च आएगा। फंड की व्यवस्था में समय लग रहा है और ऐसे में सरकार को मोहलत दी जाए। सरकार ने बताया कि फिलहाल राज्य की 15 जेलों में लो पावर्ड जैमर लगाए जा रहे हैं। बठिंडा जेल में कवच जैमर लगाया जा चुका है।विज्ञापन

 



हाईकोर्ट ने कहा कि जेल में मोबाइल जाए ही नहीं ऐसी कोई व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है। गुजरात व अन्य सीमावर्ती राज्यों में जेल ब्रेक या जेल में मोबाइल का प्रयोग करने की घटनाएं कम होती हैं, आप क्यों नहीं उनके जैसे तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने अब पंजाब सरकार को 12 सितंबर तक इस बारे में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

 

 

 

 


लॉरेंस की खरड़ में हुई इंटरव्यू पर हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी अधिकारियों पर अभी तक क्या कार्रवाई की गई है। पंजाब सरकार ने बताया कि हाईकोर्ट के जांच के आदेश के खिलाफ इंटरव्यू लेने वाला रिपोर्टर सुप्रीम कोर्ट चला गया है। साथ ही यह भी बताया कि एसआईटी हाईकोर्ट के आदेश पर गठित हुई और अभी तक जो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है वह पंजाब सरकार के पास नहीं है। वह सीलबंद हाईकोर्ट के पास ही मौजूद हैं। रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 

 



एसआईटी ने हाईकोर्ट को बताया कि लॉरेंस के पहले इंटरव्यू के मामले की जांच पूरी होने के करीब है, इस महीने के अंत तक इसे पूरा किया जाएगा। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेशों पर दूसरे इंटरव्यू को लेकर जो एफआईआर दर्ज की गई थी, उस एफआईआर को राजस्थान ट्रांसफर किया जा सकता है। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर सेंट्रल जेल में हुआ था।

 

 



बीते दिन हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जेलों में मोबाइल जैमर लगाने में की जा रही देरी पर पंजाब सरकार को फटकार लगाकर कहा था कि हालात बेहद खराब और इमरजेंसी जैसे हैं। हाईकोर्ट ने यहां तक कह दिया था कि सभी वीआईपी की गाड़ियों में जो जैमर लगे हैं क्यों न उन्हें वहां से हटा कर जेलों में लगा दिया जाए।

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