पंजाब सरकार ने जहां पेट्रोल पर वैट में 61 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। वहीं बस किराए में भी 23 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी कर दी है। ये फैसले ऐसे समय में किए गए हैं जब पंजाब गंभीर वित्तीय दिक्कतों से जूझ रहा है। सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई 3 रुपये प्रति यूनिट पावर सब्सिडी को भी खत्म करने का फैसला किया है।
वैट में वृद्धि और बिजली सब्सिडी को हटाने से राज्य को अतिरिक्त रेवेन्यू जुटाने में मदद मिलने की उम्मीद है। पंजाब का बिजली सब्सिडी बिल इस साल 24,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है, जिससे राज्य पर फाइनेंशियल प्रेशर और बढ़ जाएगा।
केंद्र सरकार ने पंजाब के लिए 10000 करोड़ का फंड सस्पेंड कर दिया है, जिससे राज्य की वित्तीय चुनौतियां और बढ़ गई हैं। कैबिनेट मीटिंग के बाद पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि डीजल पर वैट बढ़ाने से 395 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है, जबकि पेट्रोल पर वैट बढ़ाने से 150 करोड़ रुपये की आय होगी। बस किराए में बढ़ोतरी से सालाना 150 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने का अनुमान है।