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Punjab Politics Big Breakling : SAD Chief सुखबीर बादल तनखैया घोषित, पांच सिंह साहिबान ने सुनाई सख्त धार्मिक सजा

By RAJESH KAPIL, EDITOR IN CHIEF

Published on 30 Aug, 2024 01:14 PM.

श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच तख्तों के सिंह साहिबान की बैठक में Shrimani Akali Dal के अध्यक्ष सुखबीर बादल को तनखैया घोषित कर दिया गया है। पांच सिंह साहिबान ने राम रहीम को माफी देने के मामले में सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई है। सुखबीर सिंह बादल पर बागी अकालियों ने एक जुलाई को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाए थे कि अकाली दल की सरकार के दौरान विभिन्न धार्मिक गलतियां की गई हैं। इसके लिए अकाली दल का नेतृत्व पूरी तरह जिम्मेदार है इसलिए सुखबीर बादल के खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से जाए। 


बागी अकाली नेताओं की मांग थी कि श्री अकाल तख्त साहिब के सजा सुनाए जाने के पहले सुखबीर बादल को अकाली दल के अध्यक्ष पद से हटाया जाए। इसके चलते एक दिन पहले सुखबीर बादल ने अकाली दल के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दिए बिना ही अकाली नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ को अकाली दल बादल का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर दिया और एलान किया कि वह अकाल तख्त साहिब पर पांच सिंह साहिबान के समक्ष पेश होकर मिलने वाली धार्मिक सजा को स्वीकार करेंगे।

 

ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”डिप्टी सीएम रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप को अकसर को नुकसान पहुंचा। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगें। अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि अब सुखबीर बादल अकाल तख्त में पेश होंगे। उसके बाद उन्हें गुनाह बताए जाएंगे, जिस पर सुखबीर बादल अपना पक्ष रखेंगे। अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त पहुंचा था। इस दौरान यहां जत्थेदार को माफीनामा दिया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई।

माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत:2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी:श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा।

बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं।

लगातार गिर रहा अकाली दल का प्रदर्शन 

  • लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान पंजाब की कुल 117 सीटों में से शिरोमणि अकाली दल सिर्फ 11 विधानसभा सीटों पर आगे थी। 
  • 13 लोकसभा सीटों में से अकाली दल सिर्फ बठिंडा सीट ही जीत सका था। 
  • विधानसभा चुनाव 2022 में भी अकाली दल का प्रदर्शन अच्छा नहीं माना गया था। अकाली दल ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव लड़ा और 117 में से सिर्फ तीन सीटें मजीठा, दाखा और बंगा से विधानसभा चुनाव जीता था।
  • तीन विधायकों में से एक सुखविंदर सुखी अगस्त में अकाली दल छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। 
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