Latest News

JCT Trust का फंड विवाद, EPF ने AUDIT करके ट्रस्ट को जारी किया SHOW CAUSE NOTICE, 100 करोड़ के DEPOSIT किए फ्रीज, पढ़िए क्या बोले रिजनल कमिश्नर

By JAI HIND NEWS NETWORK

Published on 20 Aug, 2024 05:05 PM.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार, क्षेत्रीय कार्यालय जालंधर के रीजनल कमिश्नर श्री पंकज कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अनुपालन ऑडिट के दौरान, संस्थान M/s JCT Ltd., फगवाड़ा और होशियारपुर EPF योगदान को EPF ट्रस्ट खाते में जमा न करने के लिए डिफॉल्ट में हैं। इसके परिणामस्वरूप, इस कार्यालय ने EPF & MP अधिनियम, 1952 की धारा 7A के तहत बकाया राशि का निर्धारण करने के लिए जांच शुरू की है। ये जांचें वर्ष 2022-23 के लिए बकाया राशि के आकलन के साथ समाप्त हो गई हैं। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2023-24 के लिए अनुपालन ऑडिट करने के लिए दस्ते गठित किए गए हैं, और निरीक्षण भी शुरू कर दिए गए हैं।

रीजनल कमिश्नर श्री पंकज कुमार ने बताया कि पी.एफ. कार्यालय को उपरोक्त संस्थान के कर्मचारियों की तरफ से शिकायतें प्राप्त हो रही है जिसमे उन्होंने अपने दावों के निपटान में देरी के संबंध में शिकायतें दर्ज की हैं। इस संबंध में श्री पंकज कुमार ने बताया कि इन संस्थानों के कर्मचारियों से संबंधित ई.पी.एस. शेयर (पेंशन फंड) का प्रबंधन क्षेत्रीय कार्यालय, जालंधर द्वारा किया जाता है और M/s JCT Ltd. के कर्मचारियों की सभी शिकायतें और विवाद केवल  ई.पी.एफ. (प्राविडन्ट फंड) से संबंधित हैं, जिसका रख-रखाव M/s JCT Ltd. की  ट्रस्ट द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जो पी.एफ. से एक छूट प्राप्त ट्रस्ट है। अब तक, इस कार्यालय को सदस्यों के ईपीएस (पेंशन फंड) से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
श्री पंकज कुमार ने बताया इसके अलावा M/s JCT Ltd. से संबंधित बैंकों को निर्देशित किया गया है कि वे रीजनल पी.एफ. कमिश्नर की स्वीकृति के बिना ट्रस्ट और ट्रस्ट के किसी भी बांड या प्रतिभूति को न बेचें, यह सुनिश्चित करते हुए कि वर्तमान में ट्रस्ट के नाम पर मौजूद ई.पी.एफ. (प्राविडन्ट फंड)  राशि की सुरक्षा हो।
इसके अतिरिक्त, यह बताया गया है कि M/s JCT Ltd. ने EPF योजना, 1952 के पैरा 27AA की शर्तों का उल्लंघन किया है, जिसके परिणामस्वरूप तीसरे पक्ष के ऑडिट के माध्यम से छूट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, इसके बाद आंतरिक ऑडिट किए जाएंगे। ऑडिट की जांच के निष्कर्षों को आगे की कार्रवाई के लिए मुख्यालय नई दिल्ली भेजा जाएगा,  जिसमें छूट रद्द करने की संभावना शामिल होगी। इस प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा और यदि संस्थान आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है, तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अगर संस्थान स्वेच्छा से छूट छोड़ने के लिए आवेदन करता है, तो यह कार्यालय दोनों संस्थानों द्वारा बनाए गए सामान्य ट्रस्ट को अपने अधिकार में ले लेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी ईपीएफ संबंधित समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान हो।
एक बार जब संस्थान की छूट की स्थिति रद्द हो जाती है, तो कर्मचारियों की पिछले जमा राशि की संस्थान से वसूली करके धनराशि जमा करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और कर्मचारी सभी भविष्य निधि लाभों का लाभ उठा सकेंगे।

 

Reader Reviews

Please take a moment to review your experience with us. Your feedback not only help us, it helps other potential readers.


Before you post a review, please login first. Login
Related News
ताज़ा खबर
e-Paper

Readership: 295663