जय हिन्द न्यूज/जालंधर
यहां का MGN एजुकेशन ट्रस्ट पर काबिज राय गुट "तानाशाही" और "हिटलरशाही" रवैया अपनाने के आरोपों के बाद अब साजिशन ठगी के आरोपों से नए सवालों से घिर गया है। थाना पुलिस ने ग्रांट गबन की जांच तेज़ कर दी है। पुलिस जल्द ही इन्हें नोटिस कर जांच के लिए तलब करेगी।
ट्रस्ट मेंबर रमणीक की शिकायत पर लंबी जाँच के बाद सिटी पुलिस ने थाना-2 में ट्रस्ट चेयरमैन होने का दावा करने वाले चरनजीत सिंह राय, वाइस चेयरमैन दलजीत सिंह आनंद व सेक्रेटरी मुख्तियार सिंह दहिया के खिलाफ IPC की धारा 420 व 120B के तहत केस दर्ज किया है।
शिकायतकर्ता ट्रस्टी रमणीक सिंह का आरोप है कि राज्य सरकार की ओर से आई ग्रांट का गबन किया गया है। यही नहीं, दहिया को सेक्रेटरी बनाने के लिए सेक्रेटरी सुदर्शन सिंह बैंस का दिया गया इस्तीफा बैक डेट में मंजूर कर लिया है।
बीते साल 30 अक्टूबर को ट्रस्टी रमणीक सिंह ने पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी। एसीपी को जाँच के दौरान बताया कि ट्रस्ट के अधीन 3 पब्लिक स्कूल, 2 बीएड और एमएड कॉलेज और 3 एडिड स्कूल चलते हैं। बीएड, एमएड कॉलेज और एडिड स्कूलों के लिए सरकार की ओर से ग्रांट मिलती है।
यह भी बताया कि ट्रस्ट में 2 तरह के ट्रस्टी हैं। इनमें लाइफ टाइम ट्रस्टी व ऑर्डनरी ट्रस्टी हैं। ट्रस्ट के संविधान के अनुसार 7 लाइफ ट्रस्टी जरनैल सिंह पचरीसा, गुरइंदर सिंह नरूला, सुदर्शन सिंह बैंस, दलजीत सिंह आनंद, मुख्तियार सिंह दहिया, रमणीक सिंह और 4 ऑर्डनरी ट्रस्टी हैं।
बताया कि साल 2018 में चरणजीत राय को चैयरमैन, दलजीत सिंह आनंद को वाइस चेयरमैन और सुदर्शन सिंह बैंस को सेक्रेटरी बनाया गया था। इनके बीच 2005 से ही ट्रस्ट के फंड के दुरुपयोग को लेकर विवाद चल रहा है। यह विवाद निचली कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक गया है।
उधर, जांच में एसीपी ने कहा कि नई ईशरपुरी कॉलोनी के रहने वाले सुदर्शन सिंह बैंस को 2018 में अपने पर्सनल काम के लिए कनाडा जाना था। इसलिए उन्होंने एक्स इंडिया लीव मांगी थी। 11 सितंबर, 2018 को मीटिंग में दलजीत सिंह आनंद ने प्रस्ताव पेश किया कि संविधान में एक्स इंडिया लीव का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए बैंस ने 12 सितंबर, 2018 को अपना इस्तीफा टाइप कर चेयरमैन चरणजीत राय को भेज दिया था।
जांच में ACP ने कहा कि एक कथित साजिश के तहत बैंस का इस्तीफा बैक डेट यानी 11.09. 2018 को मंजूर करके दहिया को सेक्रेटरी नियुक्त कर दिया। सेक्रेटरी की नियुक्ति को लेकर बार-बार रिकॉर्ड मांगा गया। एमजीएन पब्लिक स्कूल (कपूरथला) के पूर्व मैनेजर आरएस मेहता को नियुक्त करने व वेतन देने का रिकॉर्ड मांगा गया, मगर वह भी नहीं दिया।
एसीपी की रिपोर्ट के मुताबिक रिकॉर्ड की जांच के बाद गबन की जांच पूरी होगी। इसलिए इनके अलावा जांच के दौरान अन्य के खिलाफ कोई सबूत सामने आया तो उस पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बहरहाल, काबिज ट्रस्टीयों पर अकेले रमणीक बाहुबली बनकर हावी होते दिखाई दे रहे हैं।