शिमला : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 18 हजार मिड-डे मील वर्कर्स को दो माह की छुट्टियों का वेतन देने के शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं। मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को प्रदेश सरकार केवल 10 माह का वेतन देती थी। मिड-डे मील कार्यकर्ता संघ ने पूरा वर्ष वेतन देने की मांग के समर्थन में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट की एकल पीठ ने संघ की याचिका को स्वीकार करते हुए मिड-डे मील वर्कर्स को 10 माह के बजाय 12 माह का वेतन देने के आदेश दिए थे। इन आदेश को सरकार ने हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी, जिसे न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने खारिज कर दिया। प्रदेश सरकार का कहना था कि यह केंद्र सरकार की योजना है इसलिए प्रदेश सरकार इस योजना के तहत अपने स्तर पर इन्हें पूरे साल का वेतन नहीं दे सकती।
इस दलील को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब प्रदेश सरकार अपने स्तर पर इन वर्कर्स का वेतन बढ़ा सकती है तो पूरे साल का वेतन क्यों नहीं दे सकती। याचिका में आरोप लगाया था कि शिक्षा विभाग प्रार्थी संघ के साथ भेदभाव कर रहा है। शिक्षा विभाग में कार्यरत गैर-शिक्षक कर्मचारियों को भी पूरे वर्ष का वेतन दिया जाता है लेकिन उन्हें 10 ही माह का वेतन दिया जा रहा है। हाई कोर्ट ने कहा कि शिक्षा विभाग मिड-डे मील वर्कर्स के साथ भेदभाव नहीं कर सकता। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि मिड-डे मील वर्कर्स 10 माह के बजाय 12 माह के के वेतन के हकदार हैं।