जय हिन्द न्यूज/जालंधर
आय से अधिक संपति मामले में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की कैल्युक्लेशन के सामने दागी जीएसटी अफसर का शपथ पत्र आज उस समय फीका पड़ गया जब माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आरोपी बलबीर कुमार विरदी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी अफसर विरदी को माननीय हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान की थी जिसके चलते उसकी गिरफ्तारी पर रोक लागू थी। मगर आज जैसे ही उसकी याचिका खारिज हुई, स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को फिर एक बार आरोपी विरदी की गिरफ्तारी का फ्री हैंड मिल गया।
बहरहाल, ताजा खबर है कि आय से अधिक संपति बनाने के आरोप में नामजद डीईटीसी लेवल के दागी जीएसटी अफसर बलबीर कुमार विरदी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है। महीनों फरार रहकर, लाखों खर्च कर कानूनी दांवपेंच लड़ाने के बाद भी उनके सामने वही दो रास्ते जेल या सुप्रीमकोर्ट से बेल लेने के रास्ते शेष बचे हैं।
जानकारी के अनुसार माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का यह ताजा फैसला आरोपी अफसर विरदी की दूसरी बार दायर जमानत याचिका पर सुनाया है। पता चला है कि दूसरी याचिका को लेकर कानूनी तर्क पैदा होने पर माननीय उच्च न्यायलय ने एैमिस क्वैरी (कोर्ट मित्र) भी नियुक्त किया था।
दरअसल, आरोपी अपसर विरदी की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान कानूनी पेंच यहां आकर फंस गया था कि पहली अग्रिम जमानत याचिका डिसमिस होती देख वापिस ले ली गई थी, तो क्या ऐसे में दूसरी बार अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई हो सकती है?
सुनवाई के दौरान आरोपी विरदी ने अपनी संपति बाबत शपथ पत्र भी दायर करके विजिलेंस ब्यूरो की संपति कैल्युक्लेशन को गलत बताकर अंतरिम राहत हासिल कर ली थी। इससे ब्यूरो की काबलियत पर सवालिया निशान लग गया था जिसके चलते ब्यूरो ने पैरवी भी पूरी मजबूती से करनी शुरू कर दी थी।
बता दे कि राज्य के बहुकरोड़ीय जीएसटी घोटाले में पासरों के साथ मिलीभगत के आरोपों पर चलते पहले ही कई महीनों तक फरार रहने के बाद जमानत पाने वाले बलबीर कुमार विरदी के खिलाफ स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की जालंधर रेंज ने 16 मई 2023 को आय से अधिक संपति अर्जित करने के आरोप में मामला दर्ज किया था।