जय हिन्द न्यूज/जालंधर
स्थानीय चहार बाग स्थित लक्ष्मी रिफ्रैशमैंट (ओल्ड शॉप) वाली प्रापर्टी करीब 24 साल पुराने किराएदार राजेश कुमार को अब खाली करनी होगी। हालांकि कानूनी वैकल्पिक अधिकार के तौर पर वो अपील भी कर सकता है लेकिन उसके लिए पहले किराया जमा करवाना होगा, जो 3300/- रुपए प्रतिमाह तय था और यह उसने काफी महीनों से नहीं दिया। बकौल याची, वर्तमान में किराए की रकम 8.5 लाख रुपए (चक्रवर्ती ब्याज अलग से) बकाया है जबकि कोर्ट ने डिक्री शीट 2.66 लाख रुपए की जारी की है।
स्थानीय विशेष अदालत ने यह फैसला चहार बाग, जालंधर निवासी अचला कालिया पत्नी स्व. मनमोहन कालिया की याचिका पर आज सुनाया। महरूम मनमोहन कालिया हिन्दु समाज का जाना-माना नाम है जिनकी पत्नी अचला कालिया को शहर के नामी वकील गुलशन अरोड़ा एवं उनके सुपुत्र शिवम अरोड़ा ने पांच साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इंसाफ दिलाया। उनका दावा है कि श्रीमति कालिया को किराए की बकाया रहती रकम भी जल्द रिकवर करके दिलाई जाएगी।
कोर्ट फैसले की पुष्टि करते हुए वकील शिवम अरोड़ा ने बताया कि माननीय जज सृजन शुक्ला के बैंच वाली कोर्ट ने केस हारने वाले राजेश कुमार को 2 हजार रुपए पेनेल्टी लगाते हुए तत्काल प्रभाव से किराए वाली प्रापर्टी खाली करने का आदेश जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने बकाया रकम को लेकर ब्याज समेत अदायगी करने के लिए उसके नाम पर 2,66,480/- रुपए की डिक्री भी जारी की है।
बता दे कि विवादित प्रापर्टी दुकान जिसे 07.06.2000 को जीवित रहते मनमोहन कालिया ने अपने जानकार राजेश कुमार को किराए पर दिया था। दोनों के मध्य एक लिखित एग्रीमैंट भी हुआ था जिसके मुताबिक 3300/- रुपए प्रतिमाह किराया तथा 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष बढ़ौतरी होगी। करीब 9 साल बाद 25.12.2009 को मनमोहन कालिया का देहांत हो गया और उनके देहांत के बाद राजेश ने एग्रीमैंट की शर्त मुताबिक किराया देना बंद कर दिया जिसके चलते उनकी पत्नी अचला कालिया ने कोर्ट का रूख किया था।