जय हिन्द ब्यूरो/जालंधर
पंजाब के पूर्व मंत्री अवतार हैनरी को आज NRI कोर्ट ने दोहरी नागरिकता मामले में बरी कर दिया। बीते 15 साल से भारतीय और विदेशी पासपोर्ट लेकर चुनाव लड़ने का केस उनके खिलाफ चल रहा था।
सीजेएम एनआरआई गगनदीप सिंह गर्ग की कोर्ट में हैनरी पर आरोप साबित नहीं हो पाए। इसके बाद उनको बरी करने का आदेश कोर्ट ने दिया। यह मामला उनके पुत्र गुरजीत सिंह संघेरा ने उठाया था और कोर्ट में बयान दर्ज कराया था कि उसके पिता अवतार हैनरी ने उसकी मां को तलाक दिए बिना दूसरी शादी की थी।
उन्होंने बताया कि उनके पिता 1962 में यूके गए थे। वहां उन्होंने 1965 में सुरिंदर कौर (अब दिवंगत) से शादी की। मेडिकल कार्ड रिन्यू करवाने गए थे यूके
उनका जन्म 3 फरवरी 1966 को हुआ था और उनके
पिता ने 10 जनवरी 1968 को ब्रिटेन की नागरिकता ली थी। इसके बाद वहां मेडिकल कार्ड बनवाया गया और 1968 में ही यह ब्रिटिश पासपोर्ट बन गया था। 1969 में उनके पिता भारत आए और सुरिंदर कौर को तलाक दिये बिना हरिंदर कौर से दूसरी शादी कर ली। 1997 में वह विधायक थे और अपने मेडिकल कार्ड को रिन्यू कराने के लिए यूके भी गए थे।