जय हिन्द न्यूज/जालंधर
करीब-करीब आधा दर्जन आपराधिक मामलों में कोर्ट ट्रायल फेस कर रहे जालंधर वेस्ट के MLA शीतल अंगुराल इन दिनों बेहद मुश्किल में हैं। बताया गया है कि ट्रायल कोर्ट ने माननीय सेशन जज से मार्क होकर आई एक शिकायत के आधार पर पासपोर्ट पेश न करने पर शीतल अंगुराल की जमानत रद्द करके अरेस्ट वारंट जारी किए हैं। इससे पुलिस किसी भी समय MLA शीतल अंगुराल को गिरफ्तार कर सकती है।
बता दें कि कोर्ट ने MLA शीतल समेत एक भाजपा नेता को भी पासपोर्ट पेश करने के लिए कहा था जबकि ख़बरें चल रही हैं कि तारीख पर पेश न होने के कारण कोर्ट ने यह कदम उठाया। वहीँ, BJP छोड़ AAP में शामिल हुए मोहिंदर भगत (मिंदर बाऊ) भी केस रद्द किए जाने की मांग लेकर माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे है जिसके चलते उनको अंतरिम राहत मिल गई थी लेकिन कोर्ट ने उनके भी NON BAILABLE WARRANT निकाल दिए थे और फिर दोबारा राहत मिली थी।
दरअसल, "विचलि गल्ल" यह है कि कुछ महीने पहले शीतल अंगुराल विदेश घूमकर आए हैं। अब चूँकि जमानत की शर्त थी कि कोर्ट से अनुमति लेकर ही विदेश जा सकते थे, लेकिन उन्होंने कोर्ट से पासपोर्ट Renew करवाने की अनुमति को ही विदेश जाने की अनुमति मानकर यह "कांड" कर दिया। यह तर्क उन्होंने खुद मीडिया के साथ शेयर किया था जब यह "रोला" पिया सी। अब यही गलती बीते समय में खादी बोर्ड के पूर्व चेयरमैन मेजर सिंह ने की थी लेकिन उनको काफी "कानूनी कीसीयां" करके राहत मिली थी।
बताते है कि बस्तियात क्षेत्र में MLA के घर के आसपास सक्रिय रहने वाले एक दुश्मन के कान में जब यह बात पड़ी तो वो चुप नहीं बैठे। अतः अजय वर्मा के नाम से शिकायत माननीय जिला एवं सेशन जज के पास पहुंच गई जिसको ट्रायल कोर्ट को मार्क करके कार्रवाई की सिफारिश हो गयी। और वही हुआ जिसका MLA शीतल अंगुराल को जरा भी अंदाजा न था।
ट्रायल कोर्ट ने शिकायत के आधार पर MLA शीतल अंगुराल से पासपोर्ट की नजरसानी मांग ली और खुद पेश होने के लिए भी कहा। मगर "सरकार" ने खुद को कभी विधानसभा सेशन तो कभी "जरूरी" मीटिंग में व्यस्त बताकर कन्नी काटी और "हजूर" ने कोर्ट के "हाजिरा हजूर" से हाजिरी माफ़ी की अर्जी लगाकर कुछ महीने टाइम "टपाया" लेकिन विगत तारीख पर कोर्ट ने "भृकुटि" तान ली और यह आदेश जारी कर दिया जिससे MLA शीतल के खेमे में खलबली मच गयी।
बहरहाल, MLA शीतल अंगुराल ने सेशन कोर्ट में जमानत अर्जियां दायर करके राहत मांगी है, वहीँ साथ ही सेशन कोर्ट में उक्त ट्रायल कोर्ट के फैसलों को चुनौती दी है। यह भी पता चला है कि MLA साहिब ने माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का भी रुख किया है और वहाँ "MY LORD" के समक्ष राहत की गुहार लगायी है। अब देखना शेष होगा कि खादी बोर्ड के पूर्व चेयरमैन मेजर सिंह की तरह इनको भी राहत मिलती है या नहीं।
उधर, सूत्रों से यह भी पता चला है कि काफी पुराने मामले होने के कारण ट्रायल कोर्ट ने अब नियम आदेशों के तहत ट्रायल को "स्पीडी" कर दिया है और गवाही देने नहीं आ रहे DSP बलबीर सिंह समेत एक हवलदार AMARJIT SINGH, HC के NON BAILABLE WARRANT भी जारी किए हैं। कुल मिलाकर यह मामला राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है।