जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब महिला आयोग की Chairperson की नियुक्ति पर 14 सितंबर तक रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार व अन्य प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने साफ किया है कि पंजाब सरकार यदि नियुक्ति की प्रक्रिया जारी रखना चाहती है तो रखे, लेकिन नियुक्ति अदालत के आदेश के बिना नहीं होगी।
मनीषा गुलाटी ने पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के पद से हटाने के पंजाब सरकार के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट में मामला आने के बाद पंजाब सरकार ने गुलाटी को हटाने का आदेश वापस ले लिया था। वहीँ, बाद में पंजाब सरकार ने गुलाटी के सेवा विस्तार को रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी। इसके खिलाफ गुलाटी ने दोबारा याचिका दायर कर इसे रद्द करने का आग्रह किया था।
याचिका में कहा गया कि उन्हें मार्च 2024 तक सेवा विस्तार मिला था और सरकार बिना कोई कारण उनका सेवा विस्तार रद्द नहीं कर सकती। कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मार्च 2018 में मनीषा गुलाटी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। साल 2020 में उनका कार्यकाल तीन साल बढ़ा दिया गया था। 20 फरवरी 2022 को वह भाजपा में शामिल हो गई थीं और अपने पद पर बनी हुई थीं। मनीषा गुलाटी ने कहा था कि जिस अथॉरिटी और एक्ट के तहत उन्हें नियुक्ति दी गई है, उसी के तहत उन्हें सेवा विस्तार दिया जा सकता है। हाईकोर्ट की एकल बेंच ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए पंजाब सरकार के आदेश पर मुहर लगा दी थी। अब सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए मनीषा गुलाटी ने खंडपीठ में अपील की है। गुलाटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।