जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पंजाब के फरीदकोट से बड़ी ख़बर सामने आ रही है जहाँ के कोटकपूरा सदर थाने में SP इन्वेस्टिगेशन गगनेश कुमार समेत 3 पुलिस वालों और 2 अन्य लोगों पर करप्शन की FIR दर्ज की गयी है। आरोप है कि सभी ने एक हत्या मामले में फरीदकोट रेंज के आईजी प्रदीप कुमार के नाम पर 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगी।
FIR में एसपी के साथ डीएसपी सुशील कुमार, आईजी दफ्तर फरीदकोट की आरटीआई शाखा के इंचार्ज SI खेम चंद पराशर और 2 अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। आरोपी SP गगनैश कुमार जालंधर में ADCP ट्रैफिक रह चुके हैं जहाँ tow van ठेका को लेकर उन पर अंगुली भी चुकी है।
जानकारों के मुताबिक 7.11.2019 को गौशाला कोटसुखिया के संत बाबा दयाल दास की हत्या हुई थी। आरोप है कि इसी मामले में हरका दास डेरा के प्रमुख बाबा गगन दास को डरा धमका कर इन अधिकारियों की ओर से आईजी प्रदीप कुमार के नाम पर 50 लाख रुपए रिश्वत मांगी गई, लेकिन डील 35 लाख रुपए में हुई।
सूत्रों की माने तो इसमें से 20 लाख रुपए ले लिए गए हैं। अब 15 लाख लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन इसकी भनक आईजी को लग गई। उन्होंने तुरंत जांच रोक कर मामला विजिलेंस के ध्यान में लाया और एक प्राथमिक जांच के बाद यह FIR दर्ज कर ली गयी।
बताया गया है कि इसके बाद शुक्रवार को चंडीगढ़ और फिरोजपुर से विजिलेंस अधिकारी फरीदकोट पहुंचे। यहां उन्होंने SP ऑफिस में दो घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद रात को विजिलेंस की सिफारिश पर पांचों आरोपियों के खिलाफ कोटकपूरा सदर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं इसको लेकर एसपी गगनेश का कहना है कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। उनके ऊपर जो भी आरोप हैं, वह सभी निराधार हैं।
बता दे कि बाबा दयाल दास से पहले संत मोहन दास की भी हो चुकी है। फरीदकोट के गांव कोट सुखिया में स्थित हरका दास डेरा के प्रधान पद के लिए कई सालों से संघर्ष हो रहा है। इसी संघर्ष में 1986 में तत्कालीन डेरा प्रमुख संत मोहन दास की भी अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। 14 साल पहले जब बाबा हरि दास को डेरा प्रमुख नियुक्त किया गया था, तो उन्हें भी एक व्यक्ति से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा था।
जानकार बता रहे हैं कि डेरा की पंजाब में 12 और उत्तराखंड में हरिद्वार में 12 शाखाएं हैं, इसलिए कोटसुखिया में डेरा के प्रधान पद के लिए कुछ शाखाओं के प्रमुखों के बीच झगड़ा है। क्योंकि डेरा के पास काफी कृषि भूमि है। प्रधान पद के लिए संघर्ष के अलावा, डेरा निजी व्यक्तियों के साथ विवादों में भी शामिल है, जो इसकी कुछ भूमि पर कथित रूप से अतिक्रमण कर रहे हैं।