जय हिन्द न्यूज/जालंधर
एक ज़माने में पंजाब के जिला श्री अमृतसर साहिब के थाना हरीके क्षेत्र में ड्रग्स पैडलर महाबीर सिंह का नाम चलता था। वो कृपाल सिंह कुकु और जगजीत सिंह जगगी जैसे ड्रग्स तस्करों को हैरोइन देकर दिल्ली तक ऑपरेट करता था। बड़े नेताओं का संरक्षण होने के कारण अफसर भी उसको हाथ डालने से भी गुरेज करते थे।
मगर 25.04.2008 को एक समय आया कि अमृतसर की सदर पुलिस ने केंद की एजेंसियो के इनपुट पर इसे हाथ डाल लिया। कब्जे से 15 किलो हिरोइन, अवैध हथियार, गोली सिक्का, लग्जरी वाहन और बेशकीमती प्रॉपर्टी बरामद हुई।
FIR और जांच रिपोर्ट के आधार पर केंद्र की अपराध जांच एजेंसी Enforcement Directorate (E.D) हरकत में आई क्योंकि तस्कर का लिंक देश प्रति दुर्भावना रखने वाले पड़ोसी दुश्मन देश की बदनाम एजेंसी ISIS के साथ साबित हुआ।
जांच में यह भी सामने आया कि ड्रग्स की तस्करी करके तस्कर महाबीर सिंह ने काले धन को सफेद करके करीब 4 एकड की करोडों की संपति अर्जित की है, ECIR दर्ज करके अपने स्तर की जांच की। ED की जांच में सभी आरोप साबित होने पर तस्कर महाबीर सिंह की सारी संपति को अटैच कर लिया गया और इसके ख़िलाफ़ जालंधर के जिला सेशन जज पर आधारित स्पेशल कोर्ट में केस दायर किया गया था। केंद्र के इस केस की पैरवी एडवोकेट APS पठानिया ने की।
Judgement के मुताबिक सुनवाई के दौरान एडवोकेट पठानिया ने बचाव पक्ष के हर पैंतरे पर कानूनी तरीके से ED के पक्ष को प्रभावशाली ढंग से पेश किया। यही नहीं आरोपी तस्कर पर लगाए हर आरोप को बारीकी से अपराध के साथ जोड़कर यह साबित किया कि उसका अपराध समाज के लिए कितना बड़ा अपराध था। अतः माननीय अदालत उनकी दलीलों से सहमत हुई और तस्कर महाबीर सिंह को 20 हज़ार रुपये जुर्माने के साथ चार साल की सजा सुनाते हुए तत्काल तस्कर को जेल भेजने का आदेश जारी किया।
सजा सुनाते समय माननीय अदालत ने एडवोकेट पठानिया की दलील के मद्देनजर इस बात का जिक्र अपने फैसले में भी किया कि आरोपी का अपराध समाज के लिए खतरा है और ऐसी सजा देकर संदेश देना अत्यंत जरूरी है। बता दे कि PMLA कानून के तहत यह पंजाब में पहली सजा है जिसके बाद अभी कोर्ट में काफी केस विचार अधीन है।