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*अब जालंधर पुलिस के अडिक्के चढ़ी उत्तर भारत की “फ्राड इमीग्रेशन वैंप” रश्मि सिंह/नेगी/मोगिंया, 118 पासपोर्ट मामले में गिरफ्तार ड्राईवर के नाम उगलने पर हुई नामजद, मान सरकार के राज में भी रिश्वतखोरी के बलबूते पर नॉर्थ इंडिया में बिना लाइसैंस धड़ल्ले से चला रही ट्रैवल कारोबार, संगीन मामले में फिर खेला “खेल” और ले गई “कच्ची बेल”, पढि़ए अनगिनत मामलों में नामजद ठग महिला एजैंट कैसे आड़ लेकर चलाए जा रही अपना गौरखधंधा, मगर आ गई सीपी कुलदीप चाहल की टीम की नजर में*

By RAJESH KAPIL, EDITOR IN CHIEF

Published on 15 May, 2023 07:26 PM.


     

                  जय हिन्द न्यूज/जालंधर


पंजाब राज्य के होम सैक्रेटरी की ओर से स्पष्ट तौर पर निर्देश जारी है कि जिसके खिलाफ एक भी FIR दर्ज है, वो राज्य में ट्रैवल कारोबार नहीं कर सकता है। अर्थात किसी रजिस्टर्ड ट्रैवल एजैंट के साथ मिलकर भी कारोबार नहीं कर सकता लेकिन कानून व्यवस्था का बानगी देखिए कि CBI, UP, चंडीगढ़, हरियाणा, मोहाली समेत अन्य कई थानों में नामजद और विभिन्न अदालतों में विचाराधीन महिला रश्मि सिंह उर्फ रश्मि नेगी उर्फ रश्मि मोगिंया संभवत: रिश्वतखोरी के बल पर उत्तर भारत में बिना लाइसैंस धड़ल्ले से ट्रैवल कारोबार करके भोले-भाले लोगों को लूटने में लगी हुई है।

 

 


ताजा जानकारी सामने आई है कि लोकसभा उपचुनाव की प्रक्रिया के दौरान हुई नाकाबंदी में विगत 06 मई 2023 को बबरीक चौक के पास थाना 5 पुलिस ने जिस कार से 118 पासपोर्ट बरामद करके ड्राईवर रूबल और उसकी डिस्कलोजर स्टेटमैंट पर जिस रश्मि को नामजद किया, वो कोई और नहीं बल्कि वो ही रश्मि सिंह उर्फ रश्मि नेगी उर्फ रश्मि मोगिंया है जिसके खिलाफ पहले ही काफी सारे क्रिमीनल केस दर्ज हैं। सिटी पुलिस ने इस बाबत पुलिस थाना 5 में आईपीसी की धारा 406, 420, 465, 467, 468, 471 और 120-बी समेत पंजाब ट्रैवल प्रोफैशनल्ज (रैगुलेशन) एक्ट 2014 की धारा 13 के तहत नामजद किया है।

 

 

 

 
मजे की बात यह कि केस दर्ज होने के बाद ड्राइवर रूबल की गिरफ्तारी हो गई लेकिन फरार आरोपी उत्तर भारत की फ्राड इमीग्रेशन वैंप रश्मि सिंह/नेगी/मोगिंया को सैशन कोर्ट से संगीन मामले में भी अंतरिम राहत मिल गई। अग्रिम जमानत मांगने वाली उत्तर भारत की फ्राड इमीग्रेशन वैंप रश्मि सिंह/नेगी/मोगिंया के बारे में फिलहाल कोर्ट और सरकारी वकील को कोई जानकारी नहीं है। कानूनविदों की माने तो ऐसे मामलों में कोर्ट जमानत पर सुनवाई के दौरान ऐसी राहत को वापस भी ले सकता है। आरोपी रश्मि सिंह/नेगी/मोगिंया की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई अब 19 मई को होगी।

 

 


जानकारी मिली है कि सिटी पुलिस चीफ कुलदीप सिंह चाहल ने केस की पैरवी करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को सुपरविजन पर लगाया है ताकि पैरवी में कोई खेल न किया जा सके। पुलिस बाबत आंतरिक जानकारी रखने वाले सूत्र बताते हैं कि सिटी पुलिस चीफ कुलदीप सिंह चाहल आरोपी महिला की पृष्ठभूमि से अच्छी तरह वाकिफ है। ऐसी भी किसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि खुद सीपी चाहल इस केस की स्टेट्स रिपोर्ट वैट करके कोर्ट के समक्ष दाखिल करें।

 

 


बता दे कि उत्तर भारत की फ्राड इमीग्रेशन वैंप रश्मि सिंह/नेगी/मोगिंया पर इमीग्रेशन कारोबार करने का बैन लगा हुआ है। चंडीगढ़ समेत कई राज्यों में इसके WWS वल्र्ड वाइड सर्विसिज के नाम वाले लाइसैंस सस्पैंड हो चुके हैं। जालंधर में भी किसी दोस्त की पत्नी के नाम पर लाइसैंस था जिसका इस्तेमाल करके यह कारोबार करती रही है लेकिन वो इस पर काफी केस दर्ज होने पहले कैंसिल करवा दिए थे।

 

 

 

वहीं, जानकारों के मुताबिक बीते कुछ सालों से यह तीन नामों वाली शातिर महिला जालंधर के मनिंदर सिंह जिसको स्टडी वीजा कारोबार का “इल्लो-कुक्कड़” नहीं पता, के नाम पर और उसी नाम WWS वल्र्ड वाइड सर्विसिज के नाम पर जारी लाइसैंस की आड़ में कारोबार कर रही है और खुद को लाइसैंस धारक इमीग्रेशन एजैंट बताकर प्रचार करती आ रही है।

 

 

संभवत: यही माना जा सकता है कि सरकारी प्रशासनिक अमला और कम पढ़ी-लिखी पुलिस की आंखों में धूल झौंककर उत्तर भारत की फ्राड इमीग्रेशन वैंप रश्मि सिंह/नेगी/मोगिंया  बिना किसी लाइसैंस के धड़ल्ले से ट्रैवल कारोबार करके करोड़ों रुपए अंदर कर चुकी है और एक चुटकी में पुलिस, प्रशासन और न जाने किस स्तर के लोगों को अपने वश में कर लेती है। बताने वाले यह भी बता रहे हैं कि जब यह गिरफ्तार होकर चंडीगढ़ की जेल में रही थी तो इसकी जान-पहचान कुछ गैंगस्टरों के साथ भी हो गई थी लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं कि यह उनका इस्तेमाल अपने कारोबार में करती रही है या नहीं।

 

 


बहरहाल, उत्तर भारत की फ्राड इमीग्रेशन वैंप रश्मि सिंह/नेगी/मोगिंया के खिलाफ इतने मामले सामने आने के बाद भी राज्य की भगवंत मान सरकार का सक्रिय न होना, कई सवाल खड़े करता है कि कैसे एक महिला राज्य की जनता और सरकारी अमले के साथ मिलीभगत या आंखों में धूल झौंककर करोड़ों का कारोबार करती है और केस दर्ज होने पर चुटकी में राहत पा लेती है। यह सभी जांच का विषय है। अब देखना शेष होगा कि 19 मई की तारीख को सैशन कोर्ट की सुनवाई के बाद केस का क्या रूख रहता है।

 

 


जाते-जाते यह भी बता दे कि उत्तर भारत की फ्राड इमीग्रेशन वैंप रश्मि सिंह/नेगी/मोगिंया के यह तीन नाम इसलिए लिखे जा रहे हैं कि क्योंकि पहले नेगी थी, फिर मोहाली के किसी पैट्रोल पंप वाले मोगिंया के साथ विवाह करके मोंगिया बनी लेकिन दोनों से पहले सिंह कैसे बनी यह भी जांच का विषय है क्योंकि इसके हिमाचल से "पिछौकड़" होने की सूचनाएं भी मिली है जिसका जल्द ही खुलासा होगा या फिर पूछताछ में यह खुद खुलासा करती है।

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