मोहाली के खरड़ निवासी एक ट्रैवल एजेंट ने व्यक्ति को कनाडा वर्क परमिट पर भेजने के लिए उससे 8 लाख रुपये ले लिए। मगर एंबेसी में उसकी फाइल लगाते समय उसके साथ आयलेट्स (IELTS) का फर्जी सर्टिफिकेट लगा दिया। जिसके चलते कनाडा एंबेसी ने आवेदक पर दो साल के लिए बैन लगा दिया। अब थाना डिवीजन नंबर 6 पुलिस ने आरोपित ट्रैवल एजेंट के खिलाफ धोखाधड़ी, इमीग्रेशन एक्ट व अन्य अपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज करके उसकी तलाश शुरू की है। एएसआई दिलबाग राय ने बताया कि उसकी पहचान खरड़ के सन्नी इंक्लेव की गली नंबर 3 निवासी जगतार सिंह के रूप में हुई। पुलिस ने तरनतारन के गांव दुबली निवासी रणजीत सिंह की शिकायत पर उसके खिलाफ उक्त केस दर्ज किया। पुलिस कमिश्नर को दी शिकायत में उसने बताया कि आरोपित का गिल चौक में दफ्तर था। बात करने पर उसने रणजीत सिंह को अपने दफ्तर में बुला लिया। जहां उसने वर्क परमिट पर कनाडा भेजने का झांसा देकर उससे 8 लाख रुपये ले लिए। आरोपित ने उसे बताए बगैर उसकी फाइल में आयलेट्स का फर्जी सर्टिफिकेट लगा दिया। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने आरोप सही पाए जाने पर आरोपित के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश कर दी। डीए लीगल की राय लेने के बाद पुलिस ने केस दर्ज करके उसकी तलाश शुरू कर दी है। बता दें कि पंजाब में विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। बीते दिनों ऐसा ही मामला बठिंडा से सामने आया। लुधियाना के रहने वाले 4 भाइयों ने एक महिला को विदेश भेजने का झांसा देकर साढ़े चार लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित महिला की तरफ से मामले की शिकायत एसएसपी बठिंडा को दी गई। पुलिस की ईओ विंग ने मामले की पड़ताल करने के बाद आरोपित भाइयों के खिलाफ थाना सिविल लाइन में धोखाधड़ी व इमीग्रेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।