जय हिन्द न्यूज/जालंधर
होशियारपुर रोड स्थित जौहल अस्पताल के मालिक बलजीत सिंह जौहल के साथ मारपीट और अस्पताल को प्रोटेक्ट करने आई थाना पुलिस के साथ भिड़ने के मामले में सेशन कोर्ट जालंधर ने कॉंग्रेस पार्षद मंदीप जस्सल को IPC की धारा 435 के तेहत 5 साल की अधिकतम सजा सुनाई है।
कोर्ट ने दोषी करार पार्षद को जेल भेज दिया है। कोर्ट ने उसको IPC की धारा 324 और 353 में 2 साल 323 में एक साल सजा सुनायी है। कोर्ट ने दोषी को जुर्माना भी लगाया है जिसको अदा न करने पर उसको अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
बता दे कि इस केस को लेकर राज्य की पूर्व चन्नी सरकार ने दोषी पार्षद मंदीप जस्सल के ख़िलाफ़ केस चलाने से इंकार कर दिया था और DC जालंधर ने सरकार के आदेश पर केस को ट्रायल कोर्ट से वापिस लेने की अर्जी दायर की थी लेकिन पीड़ित पक्ष के विरोध पर कोर्ट ने अर्जी रिजेक्ट कर दी थी।
जौहल को लेनी पड़ी निजी वकील की सेवाएं
राज्य सरकार की ओर से केस वापिस लेने का रुख देखकर पीड़ित डॉक्टर को निजी वकील की सेवाएं लेनी पड़ी थी। जौहल ने सरकारी वकील को Assist करने के लिए शहर के जाने-माने lawyer दर्शन सिंह दयाल को किया था। चूंकि सरकारी वकील सरकार की केस वापिस लेने की अर्जी के कारण ज्यादा ठोस पैरवी न कर पाता, मगर फाइनल बहस में निजी वकील दर्शन सिंह दयाल ने ट्रायल कोर्ट के सामने सारा केस आरोपी के ख़िलाफ़ साबित कर दिया। अतः कोर्ट को आरोपी को दंडित करना ही पड़ा।