जय हिन्द न्यूज/जालंधर
साल 2015 के दौरान थाना भोगपुर पुलिस ने स्नैचिंग के आरोप में एक युवक को काबू किया था। इसके बाद पुलिस ने उसके कब्जे से 120 ग्राम चिट्टा नशा बरामद करने का दावा किया और उसकी नाके से गिरफ्तारी दिखाई और आरोपी पर नशे का केस डाल दिया था।
केस की जांच पूरी कर कोर्ट के समक्ष चार्जशीट दायर की गई लेकिन आरोपी को सजा कराने के लिए बनाई स्टोरी, विरोधाभास बयानों, एनडीपीएस एक्ट का पालन किए बिना की कार्रवाई और युवा वकील जसबीर सिंह सग्गू की ठोस पैरवी के चलते आज (किशनगढ़) भोगपुर निवासी आरोपी शामू पुत्र लछमण को माननीय सैशन कोर्ट जालंधर ने आज बरी कर दिया गया।
आरोपी के खिलाफ थाना भोगपुर में 16.03.2015 को केस दर्ज किया गया था। कोर्ट की सुनवाई के दौरान डिफैंस लॉयर जसबीर सिंह सग्गू ने दलीलें पेश की कि आरोपी को एक दिन पहले ही पुलिस ने स्नैचिंग के केस में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने नशे की रिकवरी नाके से होने का जिक्र किया लेकिन कटघरे में आकर पुलिस वाले बरामदगी का स्थान स्पष्ट नहीं कर पाए।
इसी तरह रिकवरी भी गजटिड ऑफिसर के सामने न करके NDPS एक्ट की धारा 50 और बरामद नशा सामग्री का सैंपल मैजिस्ट्रेट के सामने न लेकर धारा 52-ए का पालन नहीं किया। रिकवरी मीमो भी किशनगढ़ चौकी में बैठकर तैयार किया। और तो और दलील पेश की कि किसी पब्लिक विटनैस को रिकवरी के समय शामिल नहीं किया गया जिससे लिंक एविडैंस ब्रेक हो गया।
वहीं, कटघरे में बयान और क्रास एग्जामिन के दौरान जांच के बयानों में भी विरोधाभास रिकार्ड हो गया जिससे ट्रायल कोर्ट को पूरा विश्वास हुआ कि पुलिस का केस आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं, अत: डिफैंस की दलीलों से सहमत होते हुए आरोपी को केस से बरी करने का आदेश जारी किया। कोर्ट के इस ताजा फैंसले के बाद पुलिस वालों को काफी जगह खरी-खरी सुनने को मिल सकती है कि वो लोगों को झूठे केसों में फंसाने के गहरे षडयंत्र रचते रहे हैं।