जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पंजाब में कानून व्यवस्था लगातार दिन व दिन बिगड़ी जा रही है। आए दिन गैंगेस्टरो द्वारा लोगों को सरेआम गोलियां मारी जा रही है। जिसको लेकर आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमे उन्होंने कहा है कि जब से आम आदमी पार्टी सत्ता में आई है तब से पंजाब में लूट, हत्या और फिरौती के मामले बढ़ गए है।
इसके साथ ही उन्होंने आज टिम्पी चावला की हत्या को लेकर मान सरकार पर कई तरह के सवाल उठाए है। उन्होंने आज कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने मुख्य सचिव पंजाब को ई-मेल के माध्यम से दिनांक 21-12-2022 को एक पत्र लिखा, जिसमें सविंदर कौर द्वारा भेजा गया ई-मेल पत्र संलग्न किया गया है। उक्त उत्तर में स्पष्ट है कि उक्त पत्र किस विभाग को भेजा जाए, इसकी जानकारी सीएम कार्यालय को नहीं है।
अन्यथा सीएम कार्यालय ने यह नहीं लिखा होता, “यदि ईमेल किसी अन्य विभाग/विभागों से संबंधित है, तो इसे आवेदक को सूचित करते हुए उसे/उन्हें अग्रेषित किया जा सकता है। यह ध्यान देने योग्य है कि सविंदर कौर दिवंगत स. भूपिंदर सिंह उर्फ टिम्मी चावला की विधवा ने 17-1222 को पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान को पत्र लिखकर अनुकंपा के आधार पर 2 करोड़ रुपये और नौकरी की मांग की, क्योंकि उनके पति टिम्मी चावला की 7-12-2022 को नकोदर में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।
उसके सुरक्षा गार्ड की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। सुरक्षा गार्ड के परिवार को 2 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मिली है और उसके परिजनों को सेवा में होने के कारण अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलेगी लेकिन एकमात्र कमाने वाले पीड़ित टिम्मी चावला के परिवार को सरकार से मदद के रूप में कुछ भी नहीं मिला। मृतक टिम्मी चावला अपने पीछे वृद्ध माता-पिता और 36 वर्ष की धर्म पत्नी के साथ 4 वर्ष और 9 वर्ष की दो बेटियों को छोड़ गए हैं।
कालिया ने आगे कहा कि सीएम कार्यालय ने उक्त पत्र को ठीक से नहीं पढ़ा है न्यथा सीएम कार्यालय ने इन शब्दों को पत्र में नहीं लिखा होता, “प्रेषक से यह भी अनुरोध है कि वह अपनी शिकायत को सभी विवरणों के साथ ऑनलाइन पोर्टल http://connect.punjab.gov.inI” पर अपलोड करें। क्योंकि उक्त पत्र में पीड़ित परिवार के बारे में पूरी जानकारी है।
कालिया ने आगे कहा की सीएम कार्यकाल मुख्य सचिव को इन शब्दों के साथ निर्देश देता है “आपसे अनुरोध है कि इस मामले में सरकार के नियमों के अनुसार तत्काल कार्रवाई करें। इससे पता चलता है कि सीएम कार्यकाल ने पत्र को आम मामले के रूप में लिया है। इसके लिए कोई नया नियम बनाने की आवश्यता नहीं है। सरकार कैबिनेट में निर्णय लेकर पीड़ित परिवार को अनुकंपा के आधाकर पर नौकरी और आर्थिक मदद दे सकती है।