जय हिन्द न्यूज/जालंधर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर जालंधर improvement ट्रस्ट की ओर से लतीफपुरा क्षेत्र में कार्रवाई भू-माफिया अनिल चोपड़ा को लाभ पहुंचाने के लिए की गयी थी। यह दावा सूत्रों ने करते हुए बड़ा खुलासा भी किया है कि यह कार्रवाई PPR माल को बड़ी सड़क देने के लिए किया गया ताकि तंग मार्ग को खुला करके मार्ग को जाम मुक्त बनाया जाए और वहां का कारोबार 1000 गुणा बढ़ जाए। बड़ी बात यह भी बतायी कि इस सब खेल में केसों की पैरवी के दौरान बड़ा खेल भी खेला गया जिसका खुलासा जांच में हो सकता है।
बेशक, इसकी पुष्टि प्रत्यक्ष तौर पर हुई तो नहीं लेकिन मौके पर हालात इशारा यही कर रहे हैं कि सड़क खुली होने के बाद PPR माल का बिजनेस 1000 गुणा बढ़ने जा रहा है क्योंकि खुली सड़क से रईस लोगों को भीड़ से मुक्त मार्ग मिलने वाला है। एक संकेत यह भी कि लतीफपुरा में कार्रवाई के एकदम बाद Gamezone कंपनी की ओर से PPR माल में ओपनिंग की घोषणा कर दी गयी है। बता दे कि अनिल चोपड़ा और उसके बेटों के ख़िलाफ़ जमीनें हथियाने के काफी केस दर्ज है जबकि एक केस सरकारी जमीन हथियाकर FLAT बनाने का भी है जो अभी भी स्टैंड कर रहा है।
उधर, लतीफपुरा में एक्शन के बाद सड़क पर टेंट लगाकर अपने पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे लोगों से मिलने आज राष्ट्रीय अनसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला भी पहुँचे और अफसरों की जमकर क्लास लगायी। खुद सांपला ने भी माना कि यह काम सम्भवतः भू-माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है अन्यथा ऐसी अमानवीय सोच वाला कदम कोई ऐसे ही नहीं उठा सकता। सांपला ने दावा किया कि उनका कमिशन इस घटना की हर एंगल से जांच करने जा रहा है।
इस दौरान मौके पर हालात देख कर जब विजय सांपला ने प्रशासनिक अधिकारियों से बात की तो सभी पल्ला झाड़ने लगे। सांपला ने पंजाब के मुख्य सचिव, लोकल बॉडी सचिव, डीसी, सीपी और नगर निगम के कमिश्नर को 10 जनवरी को दिल्ली पेश होने के आदेश दिए हैं।
बता दें कि 19 दिसंबर को प्रशासन द्वारा 70 परिवारों को बेघर कर दिया गया। कई दशकों से लतीफपुरा में बने घरों को मलिया मेट कर दिया गया। लेकिन अब यह कार्रवाई अधिकारियों के गले की फांस बनती जा रही है। अधिकारी लतीफपुरा डिमोलिशन की कार्रवाई को लेकर एक दूसरे पर बात फेंकने लगे हैं। डीसी कह रहे हैं कि उन्होंने रोकने की कोशिश की थी जबकि जालंधर निगम के कमिश्नर कह रहे हैं कि मशीनरी उनके आदेश से नहीं गई।
SC कमीशन चेयरमैन बोले- कोई रिकॉर्ड नहीं दिखा पाए
SC कमीशन चेयरमैन विजय सांपला ने बुधवार को जिला के प्रशासनिक, पुलिस और इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों को रिकॉर्ड के साथ सर्किट हाउस में बुलाया था। विजय सांपला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अधिकारी उन्हें डिमोलिशन से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं दिखा पाए। उन्होंने कहा कहा कि प्रशासन ने ऐसे घर भी गिरा दिए जो रिकॉर्ड में बोलते हैं। जिनकी राजस्व रिकॉर्ड में रजिस्ट्री और बाकायदा इंतकाल भी चढ़े हुए हैं।
सांपला ने कहा कि उन्होंने बैठक के दौरान डीसी से पूछा कि यदि आपने डिमोलिशन की कार्रवाई रोकने के लिए कहा था तो फिर वहां पर सरकारी मशीनरी किसने भेजी थी। इस पर उन्होंने कहा कि नगर निगम से गई थी । जब निगम के कमिश्नर से पूछा को उन्होंने साफ कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उनके आदेश से नगर निगम से मशीनरी डिमोलिशन के लिए नहीं गई थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान SC कमीशन के चेयरमैन ने कहा कि डीसी से कोर्ट के आदेश, 1950 के बाद का भू-रिकॉर्ड वगैरह बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट से इस बारे रिकार्ड मांगा गया था, लेकिन अभी तक ट्रस्ट के अधिकारियों ने उनके पास भी रिकार्ड नहीं भेजा है।
SC कमीशन के चेयरमैन ने कहा कि लतीफपुरा में घर गिराए जाने का कोई भी रिकॉर्ड दिखा ना पाने पर पंजाब के मुख्य सचिव, लोकल बॉडी सचिव, डीसी, सीपी और कमिश्नर निगम को दिल्ली तलब किया गया है। सभी SC कमीशन के ऑफिस में 10 जनवरी को लतीफपुरा से जुड़ा सारा रिकॉर्ड लेकर आएंगे।
वहीँ, लतीफपुरा में गए SC कमीशन के चेयरमैन विजय सांपला ने कहा कि वहां पर अपने हक की लड़ाई के लिए टेंटों में रह लोगों के पास शौच इत्यादि के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। गंदा पानी वहां पर फैला हुआ है। इस पर डीसी जालंधर को वहां पर मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।