जय हिन्द न्यूज/जालंधर
सिटी के पॉश एरिया माडल टाउन में 20.09.2016 की शाम को लूट की नीयत से घर में घुसकर डबल मर्डर को अंजाम देकर तिजौरी उखाड़ कर उड़ा लेने की कोशिश करने वाले तीनों आरोपियों अजय कुमार उर्फ अंकुश, विशाल तथा सतीश पाल को सैशन कोर्ट ने आज आरोप साबित न होने पर बरी कर दिया। हालांकि एक नाबालिग आरोपी को पहले ही अपराध कबूल लेने पर विशेष अदालत ने अंडरगोन कर दिया था।
डिफैंस के वकील नितीश अरोड़ा और विवेक हांडा ने बताया कि अभियोजन पक्ष योग्य गवाह और साक्ष्य कोर्ट के समक्ष पेश नहीं कर पाया जिसके चलते कोर्ट ने बरी करने का फैसला सुनाया। वहीं, कोर्ट के फैसले के बाद समाज के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात यह सामने आई कि कोर्ट की कार्यवाही के दौरान शिअद के बाद कांग्रेस और अब आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके पार्षद रोहन सहगल पर हत्या आरोपियों के साथ हाथ मिला लेने के संगीन आरोप सामने आए हैं।
बकौल, शिकायतकर्ता जतिन हांडा: पार्षद रोहन सहगल ने पहले तो गवाही देने के बदले पैसे की मांग की थी लेकिन बाद में जब उनके पॉलीटिक्ल बास विधायक परगट सिंह के कहने पर भी गवाही देने नहीं आए थे और आरोपियों के साथ उनकी सैटिंग हो जाने की बात पुख्ता हो गई तो यही कारण रहा भी कि उनकी गवाही कोर्ट के समक्ष नहीं करवाई। अन्यथा आरोपियों को सजा होने के चांस थे क्योंकि रोहन सहगल ने घटना के बाद पुलिस के समक्ष बयान दिए थे कि सभी आरोपियों ने उनके पास अपना गुनाह कबूल किया था।
खास बात यह भी कि कोर्ट में जब गवाहियों का दौर जारी था तो विवादित पार्षद रोहन सहगल के जमानती वारंट तक जारी हुए लेकिन वो कोर्ट में गवाही देने नहीं आए। संभवत: उस दौरान ही लूट व मर्डर की घटना के शिकार पीडि़त परिवार के उनके संपर्क करने पर यह बात स्पष्ट हुई होगी कि रोहन सहगल हत्या आरोपियों के साथ हाथ मिला चुके हैं जिसके चलते वो गवाही देने से बच रहे थे। अत: खुद शिकायतकर्ता जतिन हांडा ने कोर्ट को सूचित करके उनकी गवाही करवाने से इंकार कर दिया था।
फ्लैशबैक: घटना के बाद हुई प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ था कि दुकान के वर्कर अजय कुमार उर्फ अंकुश ने अपने दोस्त विशाल और सतीश पाल के साथ मिलकर घर में अकेली सुजाता हांडा पर कातिलाना वार किए थे और बचाव में आए नौकर हरीश को भी मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद तीनों ने एक नाबालिग की मदद से घर की तिजौरी उखाड़कर कार में लाद ली थी लेकिन बेटे जतिन हांडा के आ जाने पर फरार हो गए थे।
घटना के बाद थाना 6 पुलिस ने जतिन हांडा पुत्र पृथ्वी पाल हांडा की शिकायत पर 460, 404, 380, 411 तथा 34 आईपीसी की धारा के तहत मामला दर्ज किया था जो बाद में कोर्ट में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी गई थी लेकिन कोर्ट के सामने गवाह टिक नहीं पाए, सबूत कमजोर पड़ गए तथा पुलिस की कमजोर जांच के कारण डिफैंस को अदालत के समक्ष ठोस दलीलें पेश करने का मौका मिल गया कि उनके क्लाइंट्स पर आरोप साबित नहीं हो रहा और उनको बरी किया जाए।
कोर्ट के फैसले के बाद निराश दिखे जतिन हांडा ने कहा कि वो पार्षद रोहन सहगल के समाज विरोधी रवैये तथा सरकारी सिस्टम से खासे हतप्रद है लेकिन हार नहीं मानेंगे और फैसले को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती देगें। जतिन हांडा ने पार्षद रोहन सहगल के अलावा नामी कारोबारी मैनब्रो के मालिक श्री मरवाहा का भी नाम लिया है जिन%E