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*"हिटलरबाजी" से फिर विवादों में जालंधर की MGN School मैनजमैंट, विवादित चेयरमैन के फैसलों से परेशान स्कूल टीचर्स ने एसोसिएशन बनाकर बजाया बिगुल, पढ़िए "सिरफिरे" चेयरमैन की धमकी के खिलाफ कहां पहुंचे सारे टीचर्स, ट्रस्टियों से पहले ही फंसे हुए है "सिंग"* 

By RAJESH KAPIL,EDITOR

Published on 24 Nov, 2022 05:16 PM.

                जय हिन्द न्यूज/जालंधर


सिटी के आदर्श नगर स्थित स्कूल में स्टूडैंट्स को अच्छे आदर्शों का पाठ पढ़ाने वाले MGN स्कूल के टीचर्स इन दिनों स्कूल प्रबंधन के आदर्शहीन फैसलों से खासे परेशान है। ट्रस्टी विवाद के असंख्य मामलों के बीच कोर्ट में प्रबंधन-टीचर्स विवाद का ताजा मामला पहुंचा है जिसमें अब टीचर्स ने कोर्ट के समक्ष गुहार लगाकर प्रबंधन के बेतुके फैसलों के खिलाफ स्टे मांगते हुए एक ताजा फैसले के खिलाफ आदेश पारित करने की मांग की है।

 

 

 


दरअसल, स्कूल प्रबंधन ट्रस्ट के स्वयं-भू कहलाने वाले विवादित चेयरमैन चरणजीत सिंह राय ने हिटलरबाजी फैसले के तहत आदर्श नगर के करीब 180, अर्बन अस्टेट जालंधर ब्रांच के करीब 150 तथा कपूरथला ब्रांच के लगभग 80 टीचर्स की साल 30 मैडीकल लीव को अप्रैल 2022 से समाप्त कर दिया है। इसके बाद बीमार होने की सूरत में छुट्टी लेने पर टीचर्स की छुट्टी कटेगी।

 

 

 


आरोप है कि प्रबंधन के इस बेतुके फैसले के खिलाफ जब सारे टीचर्स ने एकत्र होकर एक बैनर तले विवादित चेयरमैन चरणजीत सिंह राय के सामने अपना पक्ष रखा तो उसने सभी को तत्काल नौकरी से निकालने की धमकी देकर भगा दिया। अत: सभी टीचर्स ने एमजीएन टीचर्स एसोसिएशन (रजि) का गठन करके कोर्ट का रूख किया है।

 

 

 


एसोसिएशन के वकील गुरविंदर अरोड़ा ने संपर्क करने पर बताया कि मैडीकल लीव लाभ को समाप्त करने का फैसला सीबीएसई रुल्स का उल्लंघन है। कोर्ट में स्टे एप्लीकेशन दायर करके उस फैसले पर स्टे की मांग की है। अप्रैल 2022 से उस लाभ को लागू करने की मांग की है तथा प्रबंधन पर किसी भी टीचर को सीधे नौकरी से निकालने पर पाबंदी लागू करने की मांग की है।

 

 

 


बहरहाल, मामला कोर्ट पहुंचने के बाद एमजीएन स्कूल के अंदर के हालात पहले से भी ज्यादा बिगडऩे के आसार बन गए हैं। कारण, विवादित चेयरमैन चरणजीत सिंह राय के बीते सारे फैसले कोर्ट जा रहे हैं और उनके खिलाफ फैसले भी आ रहे है लेकिन बावजूद इसके वो एक के बाद एक ऐसे विवादित फैसले ले रहे हैं। आशंका यह भी है कि यदि किसी दिन स्कूल टीचर्स हड़ताल पर चले गए तो बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो सकती है।

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