जय हिन्द न्यूज/जालंधर
आंतकवाद के काले दौर में 22.01.1987 की सुबह 9 बजे जालंधर के जी.टी.बी नगर क्षेत्र में पूर्व विधायक सर्बजीत सिंह मक्कड़ के भाई सुरिंदर सिंह मक्कड़ की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में कुख्यात आतंकवादी सतिंदरजीत सिंह उर्फ मिंटू को आज सैशन कोर्ट जालंधर ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
करीब 3 दशक पुराने इस मामले में दोषी करार मकान नंबर डब्लयू. बी. 201, अली मोहल्ला जालंधर एवं कोठी नंबर 1132 गुरु अर्जुन देव नगर, वर्धमान लुधियाना निवासी सतिंदरजीत सिंह उर्फ मिंटू को थाना 6 पुलिस ने 22.01.1987 को आईपीसी की धारा 302, 34, आम्र्स एक्ट की धारा 25,54,59 के तहत दर्ज मामले में चिन्हित किए जाने के बाद नामजद किया था।
पुलिस ने बाद में केस में 3,4 टाडा कानून की धारा भी जोड़ी थी। पुलिस ने केस में कुछ अन्य आरोपी भी नामजद किए थे जिनकी अब मौत हो चुकी है। साल 1987 में आरोपी P.O हो गया था और साल 2014 में दोबारा गिरफ्तार होने पर केस का ट्रायल शुरू हो पाया था। पीड़ित परिवार की तरफ से केस की पैरवी एडवोकेट मंदीप सिंह सचदेव ने की थी।
रिकार्ड फाइल के मुताबिक थाना पुलिस ने घरेलू वर्कर स्वर्ण कौर के बयान पर यह संगीन मामला दर्ज किया था जिसके मुताबिक वो बूटा पिंड से अपने मालिक सुरिंदर सिंह मक्कड़ के जीटीबी नगर जालंधर स्थित कोठी में आई थी कि उसी दौरान एक नीले स्कूटर पर सवार होकर आए तीन युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके सुरिंदर सिंह मक्कड़ की हत्या कर दी थी।
घंटी बजा कर घर में दाखिल हुए थे आतंकी
मॉडल टाउन के साथ लगते गुरु तेग बहादुर नगर में 22 जनवरी, 1987 में मक्कड़ के भाई के घर की घंटी बजी। बूटा मंडी की रहने वाली घरेलू नौकरानी स्वर्ण कौर ने जैसे ही गेट खोला तो आतंकी जिनमें संतिंदरजीत सिंह और उसके तीन साथी हरदीप सिंह विक्की, हरविंदर सिंह और पलविंदर सिंह घर में घुस गए। सभी के हाथों में हथियार थे। इन्होंने घर में घुसते ही फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में नौकरानी और अन्य लोग तो बच गए, लेकिन सुरिंदर सिंह मक्कड़ का शरीर गोलियों से छलनी हो गया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस थाना डिवीजन नंबर छह की पुलिस ने हत्या और हत्या का प्रयास का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। जब सुरिंदर सिंह का कत्ल हुआ था तब उनका बेटा प्रिंस मक्कड़ पांच साल का था। वर्तमान में प्रिंस मक्कड़ शहर के बहुचर्चित गिक्की हत्या कांड में गुरदासपुर जेल में बंद है।
जेल में रहने के बाद जमानत पर छूटा, पेश न होने पर भगौड़ा करार
सुरिंदर सिंह मक्कड़ की हत्या के बाद मिंटू फरार हो गया था। तत्कालीन डीजीपी ने विशेष टीमों का गठन करके दिल्ली, यूपी समेत कई जगहों पर छापेमारी की लेकिन मिंटू पुलिस के हाथ नहीं लगा। मिंटू वारदात के 18 साल बाद 22 जून 2005 को पकड़ा गया। मिंटू खालिस्तान कमांडो फोर्स का आतंकी है। उसके कनेक्शन बब्बर खालसा से भी थे। पुलिस ने जांच पूरी कर मिंटू के खिलाफ चालान भी पेश किया, लेकिन कुछ साल जेल में रहने के बाद मिंटू जमानत पर छूट गया। जमानत पर छूटने के बाद मर्डर केस के सिलसिले में दोबारा अदालत में पेश नहीं हुआ। इस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए आतंकी सतिंदरजीत सिंह उर्फ मिंटू को अगस्त 2009 में भगौड़ा घोषित कर दिया था।
2013 में चार किलो हेरोइन के साथ बटाला पुलिस ने पकड़ा
कोर्ट से भगौड़ा होने बाद मिंटू नशा तस्करी के धंधे में जुट गया। वह पाकिस्तान से आई चार किलो हेरोइन की खेप लेकर जा रहा था कि उसे मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने नाकाबंदी कर साल 2013 में काबू कर लिया। मिंटू से हेरोइन के जो पैकेट बरामद हुए उनपर पाकिस्तान की मुहर के साथ-साथ उर्दू में 999 लिखा हुआ था।