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*देश में बढ़ते "HEART ATTACK" के चलते DR. RAMAN CHAWLA ने फिर शुरू की जागरुकता मुहिम, केरल से आए एक्सपर्ट ने भी साँझा किए नए शोध, "TRAINING SESSION" सीखने पहुंचे सेंकड़ों लोग, CIVIL SURGEON भी हुए शामिल और जाते-जाते कह गए यह बड़ी बात*

By RAJESH KAPIL,EDITOR

Published on 11 Nov, 2022 08:28 PM.

गुरु नानक मिशन चौक स्थित Caremax हॉस्पिटल में CPR & AED ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन डॉ. रमन चावला की अगुवाई में आयोजित किया गया। इस दौरान सिविल सर्जन जालंधर डॉ. रमन शर्मा बतौर मुख्यातिथि तथा डॉ. रमन गुप्ता (डीएफपीओ) व IMA की ओर से डॉ. जेपी सिंह बतौर विशेष अतिथि शिरकत की। खास बात यह रही कि सिविल सर्जन इतने प्रभावित हुए कि प्रोग्राम को हेल्थ विभाग में भी चलाने के लिए राज्य सरकार को सिफारिश करने का ऐलान कर दिया।

 

 

 

डॉ. रमन चावला ने कहा कि हार्ट अटैक की बीमारी उतनी हानिकारक नहीं बल्कि उसके इलाज में की जा रही लापरवाही अधिक हानिकारण है। उन्होंने आगे कहा कि आम तौर पर इंसान हार्ट अटैक की बीमारी के इलाज में 'मुझे कुछ नहीं हो सकता' या 'पैसे बहुत लग जाएंगे' जैसे कारणों कर के ज्यादा हानिकारक सिद्ध होता है। उन्होंने कहा कि जिम में एक्सरसाइज लोग अपना शरीर (बॉडी) दिखाने के लिए करते हैं नाकि बीमारी से स्वास्थ्य रहने के लिए। शूगर की बीमारी जिनको है उसे सिर्फ हल्की सैर करनी चाइए नाकि जिम की सभी एक्सरसाइज अधिक से अधिक करनी चाहिए

इस दौरान चेन्नई से आए CPR ट्रेनर कार्तिक ने सभी को CPR & AED ट्रेनिंग दी। उन्होंने कहा कि जिसको होश न हो (बेहोश) उसको मात्र 5 सेकंड में उसकी जुबान, हार्ट बीट चेक कर लिटाकर मुंह व पैर ऊपर की ओर कर देना चाइए जिससे सांस के लिए रास्ता खुल जाए। इस दौरान मरीज को बैठाने या पानी पिलाने की कोशिश नहीं करनी चाइए। पैर उठाने से खून दिल की ओर आ जाता है जिससे बीपी नार्मल होने लगता है। मुंह उठाने से सांस लेना आसान हो जाता है। मुंह से मुंह तक सांस देने की भी जरूरत नहीं है। 5 मिनट तक सांस रुकने पर भी इंसान जिंदा रह सकता है। उसी दौरान फर्स्ट ऐड की आवश्यकता होती है।

 

 

 

 

उन्होंने आगे विस्तार बताया कि कंप्रेस करते समय दिल को सीधा ऊपर से नहीं दबाना बल्कि पेट के बीचों-बीच रिब्स के 2 इंच ऊपर की ओर दबाना व उंगलियों से नहीं बल्कि कोहनी स जोर न लगा कर शोल्डर का जोर इस्तेमाल कर दबाना चाइए। दबाने के लिए 2 या 4 या 10 नहीं बल्कि पूरे 30 बार दबाना है। न उससे अधिक न कम। सांस देने पर अधिक जोर न देकर फर्स्ट ऐड में दबाना अधिक आवश्यक है।

 

 

 

 

इस दौरान डॉ. रमन शर्मा, डॉ. रमन गुप्ता, डॉ. जेपी सिंह ने सभी को डॉ.रमन चावला द्वारा बताए हार्ट अटैक से बचने के तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जहां रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव की आवश्यकता है वहीं बिल्कुल बेहोशी के हालातों में फर्स्ट ऐड बहुत अधिक जरूरी है।

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